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Kartik Month 2022: कार्तिक मास आज से शुरू, जानिए इस महीने का महत्व और नियम - Kartik Month 2022

हिंदू धर्म शास्त्रों में कार्तिक मास का बहुत महत्व (Kartik Month 2022) है. कार्तिक मास के कई वार और त्योहार महत्वपूर्ण हैं. पूरे कार्तिक महीने में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने भक्तों को विशेष लाभ होता है.

Kartik Maas 2022
कार्तिक मास

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Published : Oct 10, 2022, 10:30 AM IST

बीकानेर. हिंदू धर्म शास्त्रों में कार्तिक मास का बड़ा महत्व बताया गया (Kartik Month 2022) है. अश्विन शुक्ल पूर्णिमा के अगले दिन से कार्तिक पूर्णिमा के तक कार्तिक मास होता है और कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली का त्यौहार आता है. पंचांगकर्ता पंडित राजेंद्र किराडू ने बताया कि हमारे धर्म शास्त्रों में कार्तिक मास महत्व है और इस पूरे महीने में ब्रह्म मुहूर्त में तीर्थों में स्नान करने का विशेष महत्व होता है.

भगवान श्रीकृष्ण को अतिप्रिय: उन्होंने बताया कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु की आराधना मां लक्ष्मी की पूजा करती है और विष्णु का ही स्वरूप श्री कृष्ण को कार्तिक मास बहुत अधिक प्रिय है. उन्होंने बताया कि कार्तिक महीने में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दान करना और उसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. पंडित किराडू ने शास्त्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए सत्यभामा ने कार्तिक मास में स्नान किया था और भगवान श्री कृष्ण की तीसरी पत्नी होकर उन्हें पति रूप में पाने में सफल हुई. तब से कार्तिक मास का महत्व अधिक गया.

पंडित राजेंद्र किराडू

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मां गंगा का आह्वान कर स्नान: पंडित किराडू ने बताया कि कार्तिक मास में पवित्र नदियों गंगा यमुना के साथ ही तीर्थों में स्नान करने का भी महत्व है और इसके अलावा शास्त्रों में उल्लेखित सप्त नदियों में भी स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. उन्होंने बताया कि यदि यह संभव नहीं हो तो तालाब में स्नान कर सकते हैं और यदि यह भी संभव नहीं हो तो घर में ही स्नान करते वक्त मां गंगा का आह्वान करते हुए स्नान करना चाहिए.

कार्तिक पूर्णिमा स्न्नान और दीपमाला: कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक मास का समापन होता है और जिस दिन प्रमुख तीर्थ स्थलों पर स्नान करने का भी एक विशेष महत्व है और राजस्थान में तीर्थराज पुष्कर और भगवान कपिल मुनि की तपोस्थली कोलायत सरोवर में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री स्नान करते हैं और इस दिन घरों के आगे दीप जलाया जाता है. दीपमाला की जाती है. पंडित किराडू ने बताया कि भगवान विष्णु मां लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए और इससे मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.

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