बीकानेर. जिले में प्रिंटर से नकली नोट छापने के गिरोह के भंडाफोड़ करने के मामले में एसओजी की टीम ने मंगलवार को बीकानेर के कोटगेट थाने में आरोपियों से पूछताछ (Interrogation of the accused doing SOG) की. इस पूरे मामले में एसओजी की ओर से जांच किए जाने के बाद थानास्तर पर पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से मना कर रहे हैं. वहीं आला अधिकारी रैकेट से जुड़े लोगों को लेकर जांच कर रहे हैं. इस मामले में हरियाणा से गिरफ्तार लूणकरणसर के दीपक को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया. जहां उसे 8 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया.
इस मामले में आरोपियों की ओर से काम में लिए गए प्रिंटर के अलावा नोट छापने वाले कागज की सप्लाई को लेकर भी पूछताछ की जा रही है. जांच में एसओजी और पुलिस इस बात का भी पता लगा रही है कि वाकई में आरोपियों ने कितने नकली नोट छापे और यह कब से छाप रहे थे?.
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जल्दी पैसा बनाने का जूनूनः आरोपियों ने पूरे मामले में जल्दी से जल्दी पैसा बनाने की तरकीब निकाली और इसीलिए होशियारी करते हुए 2000 और 500 के नोट ही प्रिंट किए. जिससे जिस आदमी को हवाला दिया जाए, उसे एक बार में ही बड़ी रकम लेकर नकली नोट दिए जाएं.
ऐशोआराम में खर्चः पूछताछ में सामने आया है कि आरोपियों ने किसी व्यक्ति को नकली नोट दिए जाने के बाद मिलने वाली असली नोट का भी प्रतिशत तय कर रखा था. उस प्रतिशत को इन्वेस्ट भी किया हुआ था. वहीं पूरी शानोशौकत से जिंदगी जीते थे. सभी आरोपियों के पास लग्जरी गाड़ियां हैं. हालांकि आरोपी की ओर से महंगा नशा करने की बात भी सामने आ रही है. हालांकि इसको लेकर अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई.
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चैन तक पहुंचने की कोशिशः एसओजी अब आरोपियों से पूछताछ के आधार पर उन लोगों की भी जानकारी जुटा रही है जिन लोगों को इन लोगों ने अपने साथ जोड़ कर नक़ली नोट सप्लाई किए. हालांकि प्रारंभिक पूछताछ में ऐसे कई नाम मिले हैं. वहीं इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि बीकानेर में भी इन लोगों ने किसी के साथ इस तरह की धोखाधड़ी की है.