बीकानेर. फसल खराबे के चलते जिले में वर्ष 2020- 21 के दौरान 1 लाख 50 हजार से अधिक किसान प्रभावित हुए हैं. सूखा, अल्प वृष्टि और असमय वर्षा के चलते जिले की विभिन्न तहसीलों के 305 गांवों में फसल खराबा हुआ है, जबकि इसी वित्तीय वर्ष में जिले के 18 गांव टिड्डी दलों के आक्रमण के चलते प्रभावित रहे हैं. जिला कलेक्टर नमित मेहता ने मंगलवार को सूखा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने आए केंद्र सरकार के अंतर मंत्रालयिक दल के समक्ष पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन में यह सूचना दी.
मेहता ने बताया कि सूखे के कारण जिले के 437 गांव प्रभावित हुए जिनमें से 132 गांवों में 33 प्रतिशत से कम फसल खराबा हुआ. वहीं 305 गांवों में 33 प्रतिशत से अधिक फसल खराबा रहा. सूखा प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे के रूप में दल के समक्ष 184.09 करोड़ रुपए के अनुदान की मांग रखी गई है. मेहता ने बताया कि सर्वाधिक फसल खराबा लूणकरणसर तहसील में रहा, जहां क्षेत्र के 84 गांवों में 50 से 75 प्रतिशत तक फसलें खराब हुई हैं. जिला कलेक्टर ने बताया कि इससे जिले के 50,000 लघु और सीमांत किसान प्रभावित हुए हैं, जबकि करीब 99000 लघु और सीमांत श्रेणी कृषकों से भिन्न श्रेणी के किसानों को भी नुकसान हुआ है.
मोठ और गवार की फसलें मुख्य रूप से हुई प्रभावित
मेहता ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में सूखे के कारण जिले में मोठ और ग्वार की फसलों में मुख्य रूप से नुकसान हुआ. अंतर मंत्रालयिक दल के एमएनसीएफसी के निदेशक डॉ. शिबेन्दु एस रॉय ने कहा कि सूखे के चलते प्रभावित हुए किसानों को अधिक से अधिक सहायता राशि मिले, इसके लिए टीम प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी और यह प्रयास रहेगा कि प्रभावित किसानों को मुआवजे की अधिकतम राशि दिलवाई जाए. उन्होंने कृषि अधिकारियों से किसानों को फसल बीमा के लिए अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने की बात कही. रॉय ने कहा कि जिले में विपरीत मानसून स्थितियों के मद्देनजर दीर्घगामी रणनीति बनाकर किसानों को इसका फायदा दिलाने की दिशा में भी दल प्रयास करेगा.
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बैठक में जनप्रतिनिधियों ने भी जिले में सूखा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति पर अपनी बात रखी. पूगल प्रधान गौरव चैहान ने बताया कि तहसील के राजासर और केलां में फसल खराबे के कारण किसानों के आर्थिक हालात काफी नकारात्मक है. उन्होंने बताया कि राजासर और केलांग दूध उत्पादन के बड़े केंद्र है लेकिन कम बरसात और फसल खराबे चलते यहां पर आर्थिक गतिविधियां बहुत प्रभावित हुई है. उन्होंने क्षेत्र में प्रति किसान 1 लाख रुपए मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण जिले के इन गांव में पहले ही आर्थिक स्थिति खराब है. ऐसे में किसानों को मिलने वाली मदद उनकी मूलभूत आवश्यकताएं पूरी करने में अहम साबित होगी. उन्होंने क्षेत्र में पशु चारा डिपो भी खुलवाने की भी मांग की. दल में सदस्य के रूप में पीएचई के उपसलाहकार डी राजशेखर और एफसीआई जयपुर के डीजीएम आई के चौधरी उपस्थित रहे. बैठक के दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन बलदेव राम धोजक, संबंधित उपखंड अधिकारी और अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे.