बीकानेर. दुनिया भर में बीकानेर की पहचान यहां की भुजिया और रसगुल्ले से है तो विदेशी और देशी पर्यटकों को यहां की हवेलियां खूब सुहाती हैं. लेकिन आने वाले दिनों में अब बीकानेर का नाम खेलकूद और साहित्य के बड़े मंच पर भी चमकने लगेगा. दरअसल बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) में निर्माणाधीन इंडोर स्टेडियम, साइकिलिंग ट्रैक और ऑडिटोरियम जिले की नई पहचान (Indoor Stadium, Cycling Track and Auditorium building in MGSU) बनने वाले हैं.
स्थापना के 18 साल बाद बीकानेर का महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय अपने आधारभूत ढांचे के विकास के साथ ही नए आयाम स्थापित करते हुए नजर आ रहा है. दरअसल विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक विकास के साथ ही खेल और अन्य गतिविधियों के विकास में जुड़ा हुआ है और इसी कड़ी में विश्वविद्यालय परिसर में एक साइकिलिंग ट्रैक का निर्माण करवाया जा रहा है. इसके साथ ही जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम की तर्ज पर एक ऑडिटोरियम का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप निर्माणाधीन इंडोर स्टेडियम बीकानेर की शान (MGSU three Gifts will give new identity to Bikaner) में चार चांद लगाएगा.
पढ़ें.Special: रेल फाटक बंद होने पर थम जाता है बीकानेर शहर, चार दशक से समाधान के इंतजार में लोग
सरकार की खेलो इंडिया योजना को मिलेगा प्रोत्साहन
दरअसल कुछ सरकारी स्तर पर भी खेलो इंडिया योजना के तहत युवाओं को खेल से जोड़ने और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, लेकिन कई बार ऐसा देखने में आता है कि संसाधनों के अभाव में प्रतिभा को उभरने का मौका नहीं मिल पा रहा है या यूं कहें कि बेहतर खिलाड़ी तैयार नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में बीकानेर में साइकिलिंग ट्रैक और इंडोर स्टेडियम के बनने के बाद यहां के खिलाड़ियों को न सिर्फ एक मंच मिलेगा बल्कि वे अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़ने में कामयाब होंगे. इससे देश का नाम होगा और राष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर को भी एक पहचान मिलेगी.
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. बिट्ठल बिस्सा कहते हैं कि निश्चित रूप से इन तीनों प्रोजेक्ट से बीकानेर को पहचान मिलेगी और खेलों के क्षेत्र में जहां बीकानेर की खिलाड़ी आगे बढ़ेंगे वहीं ऑडिटोरियम में साहित्य और दूसरी गतिविधियां शुरू होने से यहां की पहचान बनेगी. उन्होंने कहा कि बीकानेर संभाग में मां गंगा सिंह विश्वविद्यालय शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र है और विश्वविद्यालय के आधारभूत ढांचे के विकास में यह तीन प्रोजेक्ट मील का पत्थर साबित होंगे.
विश्वविद्यालय के संपदा अधिकारी कुलदीप जैन कहते हैं कि इन प्रोजेक्ट को पूरा करने में काफी समय लगा है लेकिन अब संतुष्टि है कि बीकानेर शहर को बड़ी सौगात मिलेगी और शहर के लोगों को एक्सपोजर भी मिलेगा. डॉ. विठ्ठल बिस्सा कहते हैं कि खुद के बजट से विश्वविद्यालय ने यह तीनों काम करवा कर एक उदाहरण पेश किया है.