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8 फरवरी से महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में होगा इंडो-यूएस संयुक्त युद्ध अभ्यास - महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास

भारत पाकिस्तान अंर्तराष्ट्रीय सीमा के पास महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में 16 वें संस्करण के लिए इंडो-यूएस संयुक्त युद्धाभ्यास 8 से 21 फरवरी 2021 तक होगा. फायरिंग रेंज में विदेशी प्रशिक्षण नोड में यह युद्धाभ्यास आयोजित होगा. यह संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास, संयुक्त राष्ट्र जनादेश के तहत काउंटर टेररिज्म संचालन पर केंद्रित होगा.

Maneuvers between US and India, Indo US Joint War Exercise
8 फरवरी से महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में होगा इंडो-यूएस संयुक्त युद्ध अभ्यास

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Published : Feb 3, 2021, 9:29 PM IST

बीकानेर. भारत पाकिस्तान अंर्तराष्ट्रीय सीमा के पास महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में 16 वें संस्करण के लिए इंडो-यूएस संयुक्त युद्धाभ्यास 8 से 21 फरवरी 2021 तक होगा. फायरिंग रेंज में विदेशी प्रशिक्षण नोड में यह युद्धाभ्यास आयोजित होगा.

लेफिटनेंट कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि इस द्विपक्षीय अभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व, सप्त शक्ति कमान की 11 वीं बटालियन जम्मू और कश्मीर राइफल्स करेगी और अमेरिकी सेना के प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व, 2 इन्फैंट्री बटालियन, 3 इन्फैंट्री रेजिमेंट, 1-2 स्ट्राइकर ब्रिगेड कॉम्बैट टीम के सैनिकों द्वारा किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि सैन्य से सैन्य विनिमय कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में, अमेरिकी सेना के सैनिक भारतीय सेना के सैनिकों के साथ युद्धाभ्यास के 16 वें संस्करण के लिए 05 फरवरी 2021 को भारत पहुंचेंगे. यह संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास, संयुक्त राष्ट्र जनादेश के तहत काउंटर टेररिज्म संचालन पर केंद्रित होगा. प्रशिक्षण मुख्य रूप से समकालीन महत्व के सामयिक मुद्दों के विषय वस्तु विनिमय पर केंद्रित होगा. इस युद्ध अभ्यास का उद्देश्य दो सेनाओं के बीच सामरिक स्तर पर अभ्यास और एक दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं, सहयोग और तालमेल को बढ़ाना है.

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अमेरिकी सेना के साथ युद्ध अभ्यास, वैश्विक आतंकवाद की पृष्ठभूमि में दोनों देशों द्वारा सामना की गई सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण है. संयुक्त अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाएगा, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देगा और भारत-प्रशांत क्षेत्र में एक प्रमुख भागीदार के रूप में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को दोहराएगा.

भारत में आयोजित होने वाले यह युद्ध अभ्यास, उत्तरी सीमाओं पर हाल के घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में बहुत महत्व रखते हैं और दोनों देशों के रणनीतिक क्षमता के साथ-साथ भारत-अमेरिका संबंधों को बढ़ाने के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है. कोविड महामारी के बावजूद भी यह सैन्य युद्ध अभ्यास किया जा रहा है, जो द्विपक्षीय संबंधों की ताकत को इंगित करता है और पर्यावरण को भू-रणनीतिक संदेश देता है.

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