बीकानेर. कोरोना वायरस को जानवरों में फैलने से रोकने के लिए अब वन कर्मी पीपीई किट पहनकर ही वन्य जीवों की देखभाल करेंगे. बीकानेर राजस्थान का पहला जिला बन गया है, जहां वन्य कर्मी अब पीपीई किट पहनकर जानवरों की सेवा की शुरूआत करेंगे.
वन्यकर्मी पीपीई किट पहनकर वन्यजीवों की करेंगे देखभाल इसके लिए वन विभाग ने पाली की एक कंपनी से पीपीई किट मंगवाए हैं. जिस तरह चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ पीपीई किट पहनकर इंसानों की देखभाल और रक्षा कर रहे हैं, वैसे ही संक्रमण से बचाव के लिए वन कर्मी भी घायल जानवरों और वन्यजीवों को खाना देने के दौरान पीपीई किट पहनकर ही पिंजरे में जाएंगे. इसके लिए विभाग ने 50 पीपीई किट का ऑर्डर दिया था. जिसकी डिलीवरी वन विभाग को मंगलवार को मिल गई है.
दरअसल न्यूयॉर्क सिटी के चिड़ियाघर में पिछले दिनों एक बाघ कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. इसके अलावा हांगकांग में भी कुछ बर्ड्स में कोरोना पॉजिटिव पाऐ गए थे. वायरस इंसानों के माध्यम से जानवरों को भी संक्रमित करने लगा है. भारत में कोरोना वन्यजीवों में संक्रमण न फैले, इसके लिए वन विभाग ने अभी से एहतियात बरतनी शुरू कर दी है.
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पूरे चिड़ियाघर को सोडियम हाइपोक्लोराइट से सैनिटाइज किया गया है. कर्मचारियों को सैनिटाइजर भी उपलब्ध कराया गया है. हम जानवरों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं. चिड़ियाघर में 100 से अधिक शीतल कृष्ण मृग को हरा चारा और सूखा चारा देने के दौरान वन कर्मी पीपीई किट पहनकर ही जानवरों के पास जा सकेंगे.
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साथ ही जो भी वन्यजीव घायल हैं, उनको रेस्क्यू सेंटर लाने ले जाने के दौरान भी यह किट पहनना अनिवार्य होगा. उपवन संरक्षक वन्य जीव वीरेंद्र जोरा ने बताया कि राजस्थान में बीकानेर ही पहला जिला है, जहां इस प्रकार की व्यवस्था की गई है. वन्यजीवों में संक्रमण को रोकने के लिए वन कर्मियों को पीपीई किट पहनाकर ही जानवरों के पिंजरे में कार्यों के लिए भेजा जाएगा. कोरोना वायरस के जानवरों से इंसानों में संक्रमण ना फैले इसके लिए यह पीपीई की किट मंगवाई गई है.