बीकानेर. राज्य सरकार ने 23 गैर अभावग्रस्त जिलों तथा 10 अभावग्रस्त जिलों की गैर अभावग्रस्त तहसीलों में चारा डिपो खोलने की अनुमति प्रदान की है. इसके लिए राज्य के सभी जिलों को 10-10 लाख रुपए का अग्रिम भुगतान किया जाएगा. आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने शनिवार को बताया कि वर्तमान में चारे के दाम गत वर्ष की तुलना में अधिक हैं. इस कारण गौशालाओं में संधारित गोवंश के लिए चारा और पशु आहार खरीदने में गौशाला प्रबंधकों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा (Fodder scarcity in Rajasthan) है. इन परिस्थितियों के मद्देनजर आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा अभावग्रस्त घोषित नहीं किए गए 23 जिलों में भी गोवंश के लिए चारा डिपो खोलने की अनुमति प्रदान की गई (Fodder depot opening in several districts of Rajasthan) है.
साथ ही 10 अभावग्रस्त जिलों की गैर अभावग्रस्त तहसीलों में भी चारा डिपो खोले जा सकेंगे. इसके लिए जिलों को 10-10 लाख रुपए अग्रिम भुगतान गोपालन विभाग की ओर से किया जाएगा. उन्होंने बताया कि गोपालन विभाग को सभी जिलों के जिला कलक्टरों को आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा खरीफ संवत 2078 में सूखाग्रस्त गांवों में चारा डिपो संचालन के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. आपदा प्रबंधन मंत्री ने बताया कि गौशालाओं में संधारित गोवंश के लिए चारा और पशु आहार खरीदने में गौशाला प्रबंधकों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए पशु चारा के तहत साइलेज खरीदने की अनुमति दी गई थी.
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