बीकानेर.बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में पिछले 4 सालों से पीएचडी और एमफिल की पात्रता के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा का आयोजन नहीं हो पाया है. यूजीसी ने एक जुलाई 2023 से किसी भी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए न्यूनतम पात्रता पीएचडी होना आवश्यक कर दिया है. जबकि इसके बाद से बीकानेर सहित प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों में पिछले सालों में इस परीक्षा का आयोजन नहीं हो पाया है. हालांकि पिछले दो सालों से परीक्षा का आयोजन नहीं होने का कारण कोरोना को बताया जा रहा है. महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के शोध निदेशक डॉ रविन्द्र मंगल कहते हैं कि विश्वविद्यालय में प्रवेश पात्रता परीक्षा के आयोजन की तैयारी की जा रही है और जल्द ही इसका आयोजन किया जाएगा.
भविष्य में कॉलेज और यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में अपना कैरियर बनाना (PHD Entrance Exam in Bikaner) चाह रहे अभ्यार्थी इस प्रवेश पात्रता परीक्षा के आयोजन का इंतजार कर रहे हैं. महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के शोध निदेशक डॉ रविंद्र मंगल कहते हैं कि यूजीसी की ओर से जारी गजट नोटिफिकेशन में वर्ष 2021 के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए पात्रता को पीएचडी कर दिया गया था. लेकिन कोविड-19 में यूजीसी ने इसमें छूट देते हुए इसे जुलाई 2023 तक बढ़ा दिया है. जबकि पहले NET योग्यताधारी अभ्यर्थी असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पात्र होता था.
अब तक 1160 को डिग्री:महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में 2007 से 2022 तक कुल 1160 विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई है. विश्वविद्यालय के शोध निदेशक डॉ रविंद्र मंगल कहते हैं कि इस बार आयोजित होने वाली परीक्षा में 200 से 250 विद्यार्थी सोध कर सकेंगे. विश्वविद्यालय 25 संकाय में पीएचडी करवा सकेगा. बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के साथ ही प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालयों में भी कमोबेश यही स्थिति है. हालांकि अन्य विश्वविद्यालयों में 2022 में पीएचडी और एमफिल की प्रवेश पात्रता परीक्षा का आयोजन हो चुका है. अजमेर के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में 2017 के बाद 2022 में ही इस परीक्षा का आयोजन हुआ. वहीं भरतपुर विश्वविद्यालय में 2018 में ही इस परीक्षा का आयोजन किया गया.