बीकानेर.जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे के चलते चिकित्सा विभाग और जिला प्रशासन पूरी तरह से इसके नियंत्रण में लगा हुआ है और फिलहाल मच्छर जनित मौसमी बीमारियां डेंगू, मलेरिया के मामलों में भी कमी देखी जा रही है.
मौसमी बीमारियों पर भी रहा प्रभावी नियंत्रण हालांकि, यह कहना जल्दबाजी होगी की तुलना के नियंत्रण में किए जा रहे उपायों के चलते डेंगू, मलेरिया के रोगी कम हुए हैं. लेकिन फिर भी अस्पतालों पर नजर डालें तो पिछले साल की तुलना में इस साल अभी तक मौसमी बीमारियों के मामले कम है. हालांकि मौसमी बीमारियों का सीजन अब शुरू होगा ऐसे में आने वाले दिनों में ही इस बात का पता लग पाएगा.
साफ सफाई के कार्यों में भी आई तेजी हर साल मौसमी बीमारियों के नियंत्रण को लेकर चिकित्सा विभाग, स्थानीय निकाय की ओर से किए जाने वाले छिड़काव का दौर अब शुरू हो गया है. वहीं मानसून की बारिश के बाद मौसमी बीमारियों के बढ़ते मामलों को लेकर चिकित्सा विभाग भी सक्रिय हो गया है.
जिले में लगातार की जा रही जांच बीकानेर में मच्छर उन्मूलन को लेकर किए जा रहे प्रयासों पर बीकानेर नगर निगम की महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने कहा कि फिलहाल सबका फोकस कोरोना नियंत्रण पर है. लेकिन बावजूद इसके नगर-निगम अपने संसाधनों के जरिए मौसमी बीमारियों के नियंत्रण को लेकर सक्रिय है, और जहां भी चिकित्सा विभाग को जरूरत होगी उनके सहयोग के लिए तैयार है.
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बीकानेर की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल मीणा ने कहा कि कोरोना के नियंत्रण में पूरी तरह से विभाग लगा हुआ है. इसके साथ ही मौसमी बीमारियों के नियंत्रण को लेकर भी लगातार काम जारी हैं. उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों को लेकर डोर-टू-डोर सर्वे के साथ ही संभावित रोगी का चिन्हिकरण किया जा रहा है. इसके अलावा कोरोना की रोकथाम को लेकर जिले भर में स्क्रीनिंग का काम किया गया था, और इस दौरान खांसी बुखार जुखाम के लक्षणों वाले रोगियों को चिन्हित किया गया था.
इसके साथ ही सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव भी किया गया था. जिसके चलते भी मच्छरों की संख्या में निरंतर कमी देखी गई. उन्होंने कहा कि बीकानेर में अब तक कोरोना के चलते 1,30,000 से ज्यादा जांच की जा चुकी है, और किसी भी जांच में डेंगू मलेरिया जैसी बीमारी का मामला सामने नहीं आया है.
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मीणा बताते हैं कि कोरोना के चलते अब हर व्यक्ति मास्क और सैनिटाइजर के उपयोग के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना को लेकर जागरूक हो गया है, और यही कारण है कि संक्रमण जनित बीमारियों के साथ ही मौसमी बीमारियां का प्रकोप इस बार कम देखने को मिलेगा.
हालांकि, बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में भी मौसमी बीमारियों के रोगी पिछले साल की तुलना में इस बार कम है. लेकिन विशेषज्ञों की माने तो बारिश का सीजन और बिजाई के बाद मौसमी बीमारियों के मामले सामने आते हैं, और आने वाले महीनों में सर्दी के शुरू होने के साथ ही इस तरह के रोगी सामने आएंगे.