बीकानेर.वैसे तो भुजिया और रसगुल्ला के लिए बीकानेर पूरी दुनिया में मशहूर है, लेकिन जिले से निकलने वाला जिप्सम और चाइना क्ले की भी देश में एक अलग ही पहचान है. बीकानेर में मिलने वाला सोना रूपी यह खनिज कभी भी यहां के उद्यमियों के लिए सोना नहीं बन पाया, लेकिन बीकानेर के बाहर के अन्य राज्यों के उद्यमियों ने इस जिप्सम और चाइना क्ले के कारण बड़े आयाम स्थापित कर लिए.
बीकानेर में गैस पाइपलाइन के प्रोजेक्ट की कवायद शुरू लंबे समय से बीकानेर को सिरेमिक हब बनाने की मांग की जा रही है, ताकि यहां से निकले जिप्सम और चाइना क्ले की मदद से बनने वाले सिरेमिक टाइल्स का बीकानेर में ही उत्पादन हो और यहां के उद्यमियों को इसका सीधा लाभ मिले. लेकिन यहां के औद्योगिक विकास को लेकर कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बन पाई.
अब ऐसा माना जा रहा है कि साल 2020 बीकानेर के औद्योगिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है. बीकानेर के उद्यमी लगातार पिछले कई सालों से जिले में गैस पाइपलाइन की मांग कर रहे थे. लेकिन धरातल पर कभी भी कोई ठोस योजना नहीं बन पाई और ना ही कभी सरकार के कारिंदों ने इसमें कोई रुचि दिखाई.
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वहीं, अब इसको लेकर आसार नजर आने लग गए हैं. दरअसल, बीकानेर से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने इसको लेकर प्रयास शुरू किए हैं और पिछले दिनों बीकानेर के उद्यमियों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से व्यक्तिगत स्तर पर मुलाकात कर बीकानेर में गैस पाइपलाइन के प्रोजेक्ट को लेकर मदद करने की गुहार लगाई थी. हालांकि, गैस पाइपलाइन के प्रोजेक्ट को लेकर अभी तक धरातल पर किसी तरह की कोई सुगबुगाहट नहीं है. लेकिन इस प्रोजेक्ट को लेकर होने वाले सर्वे के लिए बीकानेर का नाम चिन्हित करने की बात कही जा रही है.
बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया ने कहा कि बीकानेर में गैस पाइपलाइन की स्वीकृति आने से संभाग के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी. तो वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल का कहना है कि इसको लेकर उन्होंने मंत्रालय स्तर तक बात की है और पेट्रोलियम कंपनी गेल के अधिकारियों से भी उनकी प्रारंभिक दौर पर वार्ता हुई है. मेघवाल का कहना है कि निश्चित रूप से आने वाले समय में बीकानेर को एक सौगात मिल सकती है.