बीकानेर. भूतपूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के सहयोगी रहे और डीआरडीओ के पूर्व निदेशक डॉ. हनुमान प्रसाद व्यास का सोमवार को निधन हो गया. पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे व्यास ने सोमवार सुबह गुड़गांव के मेदांता हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली. पिछले सप्ताह ही उन्हें तबीयत खराब होने पर बीकानेर से एयर लिफ्ट कर गुड़गांव के मेदांता अस्पताल ले जाया गया था.
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बताया जा रहा है कि वे कैंसर से पीड़ित थे. व्यास बीकानेर के तकनीकी विश्वविद्यालय के पहले कुलपति भी रहे. बीकानेर ही नहीं देश भर में रक्षा वैज्ञानिक के रूप में अच्छी पहचान थी और भूतपूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के साथ उन्होंने डीआरडीओ में रहते हुए काम किया था.
पढ़ाई के प्रति थे गंभीर
इतने बड़े होने के बावजूद भी लंबे समय से वे बीकानेर रह रहे थे और पढ़ाई को लेकर काफी गंभीर थे. वे गरीब और जरूरतमंद बच्चों को निशुल्क पढ़ाई करवाने के लिए गंभीर रहते थे और स्वयं पढ़ाई करवाकर उनकी मदद करते थे. शहर में वे अपने स्कूटर पर भी घूमते हुए नजर आते थे.
तकनीकी विश्वविद्यालय के रहे कुलपति
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय उन्हें बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया. लेकिन अपने सिद्धांतों के चलते उन्होंने कुलपति के पद से बीच कार्यकाल में ही इस्तीफा दे दिया. कहा यह भी जाता है कि कुलपति रहने के दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय से वेतन भी नहीं उठाया.
नेताओं ने जताया शोक
व्यास के निधन पर केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी सहित बीकानेर के राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षिक जगत ने शोक व्यक्त करते हुए इसे एक बड़ी क्षति बताया है.