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Exclusive: डायबिटीज और कमजोर इम्युनिटी वाले कोरोना मरीजों को ज्यादा हो रहा है ब्लैक फंगस: डॉ. गौरव गुप्ता

सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग के प्रोफेसर डॉ. गौरव गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि ब्लैक फंगस डायबिटीज और कमजोर इम्युनिटी वाले कोरोना मरीजों के ज्यादा हो रहा है. ब्लैक फंगस के लक्षण और इसकी प्रकृति को लेकर भी कई अहम बातें साझा की. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

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Published : May 27, 2021, 8:29 PM IST

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बीकानेर में ब्लैक फंगस

बीकानेर.कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीरे-धीरे कम हो रही है. लेकिन इसी बीच राजस्थान में ब्लैक फंगस के सामने आ रहे मामलों ने चिंता बड़ा दी है. बीकानेर में ब्लैक फंगस के अभी तक 17 मामले सामने आ चुके हैं. जिसके बाद पीबीएम अस्पताल प्रशासन और चिकित्सकों की चिंता बढ़ गई है. तीन रोगियों की मौत हो चुकी है. दो लोगों की मौत बीते बुधवार को हुई. वहीं एक मरीज ने गुरुवार दोपहर को दम तोड़ दिया. पीबीएम अस्पताल में एक डेढ़ साल का बच्चा भी ब्लैक फंगस की चपेट में आ गया. और यह संभवत राजस्थान में सबसे कम उम्र का ब्लैक फंगस का मरीज है.

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सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग के प्रोफेसर और ईएनटी रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव गुप्ता से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. डॉ. गुप्ता ने बताया कि ब्लैक फंगस कोई नहीं बीमारी नहीं है और पहले भी यदा-कदा इसके रोगी सामने आते रहते थे. लेकिन अब पॉजिटिव और पोस्ट कोविड रोगी इससे पीड़ित हो रहे हैं. गुप्ता ने कहा कि बीकानेर में चौंकाने वाली बात यह है कि जो फंगस रोगी रिपोर्ट हुए हैं वह कोविड पॉजिटिव या पोस्ट कोविड वाले रोगी हैं.

बीकानेर में ब्लैक फंगस

ब्लैक फंगस किनको होता है

लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि यह सारे अनियंत्रित डायबिटीज यानी कि उच्च स्तर के मधुमेह से पीड़ित हैं. इसके अलावा जिनकी इम्युनिटी पावर कमजोर है. उन्होंने बताया कि आंख के नीचे, नाक के नीचे अंदर और तालुका के आसपास का क्षेत्र ब्लैक फंगस से प्रभावित हो रहा है. हालांकि यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है. कोविड के रोगियों को स्ट्रेरॉइड दी जाती है और डायबिटीज जिन रोगियों के अनकंट्रोल हैं उन रोगियों को स्ट्रेरॉइड का असंतुलन ब्लैक फंगस का कारण बन के सामने आ रहा है. क्योंकि ऐसे रोगियों ने अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद रेगुलर चेकअप नहीं करवाया और ना ही स्ट्रॉयड की मात्रा और अनकंट्रोल डायबिटीज पर ध्यान नहीं दिया.

बीकानेर में ब्लैक फंगस

ब्लैक फंगस के लक्षण

डॉ. गौरव गुप्ता ने कहा कि नाक में खून आना, गंदगी का जमा होना, नाक का बंद हो जाना यह सब नाक से ब्लैक फंगस की शुरुआत के लक्षण हैं. उन्होंने बताया कि तालुका के ऊपरी हिस्से और नीचे चेहरे के बाहरी भाग में सुन्न हो जाना, सूजन आना जैसे लक्षणों के अलावा आंख में पानी आना, आंख का लाल हो जाना, आंख में दर्द होना और सूजन आना यह आंख के रास्ते ब्लैक फंगस के लक्षण हैं.

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डॉ. गौरव गुप्ता ने कहा कि दिमाग में ब्लैक फंगस के लक्षण काफी खतरनाक हैं. ऐसे मरीजों को बचाना बड़ा मुश्किल होता है. बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में ब्लैक फंगस के सामने आए मामलों के बाद सर्जरी एनीथिसिया, सर्जरी, मेडिसिन, ईएनटी डॉक्टरों की एक बोर्ड बनाई गई है और इसमें आउटडोर में भी अलग से व्यवस्था की गई है. ताकि इस प्रकार के लक्षणों के सामने आए मरीज कि तुरंत ही पहचान की जा सके और जांच के बाद उसका इलाज शुरू किया जा सके और इसको लेकर अलग से पी वार्ड भी शुरू किया गया है. जहां ब्लैक फंगस के रोगियों को भर्ती किया गया है. और round-the-clock सभी विशेषज्ञ डॉक्टर इन मरीजों को देखकर आपस में निष्कर्ष कर इलाज शुरु करते हैं.

उन्होने बताया कि बीकानेर में बुधवार को ही एक ऐसी महिला की सर्जरी कर आंख निकाल कर उसकी जान बचाई गई है. क्योंकि ब्लैक फंगस उसकी आंख तक पहुंच चुका था. एक डेढ़ साल के बच्चे को भी ब्लैक फंगस हुआ है. बच्चा ब्लड कैंसर से पीड़ित है और उसकी अन्य जांच करवाई गई हैं. रिपोर्ट का इंतजार है और इस मामले में काफी सावधानी की जरूरत है.

जिंक से येलो फंगस होने की बात कहना जल्दबाजी

स्ट्रेरॉइड के अधिक सेवन से ब्लैक फंगस के मामले के बाद अब कोविड-19 के मरीजों को दी जाने वाले जिंक से येलो फंगस होने की बात पर उन्होंने कहा कि यह कहना अभी जल्दबाजी है. फंगस कई प्रकार का होता है और यह सब बातें कोविड की स्थिति सामान्य होने के बाद रिसर्च के रूप में ही पुष्टि होने पर कही जा सकेगी.

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