बीकानेर.रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में एसओजी ने अपनी जांच शुरू कर दी है. सोमवार से मामले में कई लोगों से पूछताछ भी हुई है. वहीं दूसरी ओर बीकानेर में चार रेमेडेसिविर इंजेक्शन के साथ 4 लोगों की गिरफ्तारी के मामले में पुलिस की पूछताछ के चलते मानसिक तनाव में आए डॉक्टर ने अपने हाथ की नसें काट ली.
दरअसल, रविवार देर रात सदर थाने में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉक्टर को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था. बताया जा रहा है कि रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में जांच कर रही सदर थाना पुलिस के हाथ लगे स्टॉकिस्ट के बिलों में डॉक्टर धनपत डागा का भी नाम था. ऐसे में पुलिस ने डॉक्टर को इंजेक्शन के उपयोग और खरीदारी को लेकर जानकारी के लिए बुलाया था.
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जानकारी के मुताबिक, जीवन रक्षा अस्पताल के स्टॉफ के साथ ही डॉ. धनपत डागा को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. डागा भी इसी हॉस्पिटल में काम करते हैं. दरअसल, रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में जांच कर रही सदर थाना पुलिस ने स्टॉकिस्ट के काटे गए बिलों के आधार पर डागा को बुलाया था. क्योंकि एक स्टॉकिस्ट ने डागा के नाम से बिल काटे हुए हैं. लेकिन डागा के सदर थाना पहुंचने के दौरान पुलिसकर्मी इस मामले में अन्य लोगों से पूछताछ कर रहे थे और इस दौरान उन्हें कुछ देर इंतजार करने को कहा गया.
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