बीकानेर.सरकार की ओर से हाल ही में गोचर भूमि में अतिक्रमण को नियमित करने और पट्टे जारी करने के निर्णय के विरोध में एक बार फिर विरोध (Devi Singh Bhati oppose transit land lease deeds) शुरू हो गया है. कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने विरोध करते हुए गुरुवार से आमरण अनशन शुरू कर दिया है. इस दौरान ईटीवी भारत ने पूर्व मंत्री भाटी सहित कई मुद्दों पर खास बातचीत की.
देवी सिंह भाटी पिछले सालों से राजनीति से किनारा किए हुए थे. अब वह फिर एक्शन मोड में हैं. भाटी ने गुरुवार से बीकानेर के सरे नथानिया गौचर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. इस दौरान पूर्व मंत्री भाटी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए प्रदेश की गहलोत सरकार पर सीधा हमला बोला. भाटी ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने लंबी सोच रखते हुए शून्य आधारित खर्च व्यवस्था की. जिसके तहत गायों के जीवनयापन के लिए गोचर की व्यवस्था हुई और गोचर, ओरण और चारागाह विकसित हुए. भाटी ने कहा कि लेकिन अब सरकार की नियत खराब हो गई है और गोचर के संरक्षण की बजाय अब गोचर की भूमि पर प्लॉट काटने के साथ ही अन्य गतिविधियों को शुरू करने की योजना बना रही है.
भाटी ने कहा कि सरकार का यह निर्णय नीतिगत रूप से सही नहीं है. वह भी 2011 में कांग्रेस सरकार में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग ने गोचर भूमि चारागाह पर नरेगा के तहत लगाने का अभियान छेड़ा और अतिक्रमण हटवाए और संबंधित पटवारी ग्रामसेवक तहसीलदार और एसडीएम की जिम्मेदारी भी तय की. इतना ही नहीं हमारे द्वारा गोचर में उगाई गई सेवण घास को लेकर हमें धन्यवाद और बधाई भी भेजी. लेकिन अब वोटों की भूख की खातिर चंद लोगों के दबाव में यह सरकार फिर से अपने ही निर्णय को बदल कर नया निर्णय कर रही है. यह किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है.