बीकानेर. बिना परीक्षा दिये प्रमोट किये गए कक्षा 10वीं और 12वीं के 21 लाख विद्यार्थियों को किस फार्मूले के तहत ग्रेडिंग या अंक दिए जाएंगे इसका फैसला अगले सप्ताह तक हो जाएगा. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने इसकी जानकारी दी.
पढ़ेंः'BSP और निर्दलीय विधायक समर्थन न देते तो आज कांग्रेस की 'पुण्यतिथि' मन रही होती'
शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने बताया कि शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, समसा और निजी स्कूलों के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए गठित होने वाली एक कमेटी इस बारे में निर्णय करेगी और कमेटी की बैठक आने वाले दिनों में होगी. अगले एक सप्ताह में इस बारे में निर्णय कर लिया जाएगा. 2 जून को राज्य सरकार ने इस बारे में निर्णय लिया था और तब से लगातार इस बारे में कयास लगाए जा रहे थे. जिसे लेकर पिछले दिनों जयपुर में आला अधिकारियों की बैठक भी हुई थी.
विद्यार्थियों की ग्रेडिंग का फैसला होगा एक सप्ताह के भीतर माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने नए शैक्षिक सत्र को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि तकनीक के साथ विद्यार्थियों की बौद्धिक विकास को लेकर शिक्षा विभाग नवाचार कर रहा है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के पूर्व में चल रहे आओ घर से सीखे अभियान में अब कक्षा 1 से 8 की बजाय करता है 9 से 12 के विद्यार्थियों को भी जोड़ा गया है. कक्षा 9 के 12 के विद्यार्थियों को सप्ताह में दो बार होमवर्क दिया जाएगा. कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में एक बार होमवर्क दिया जाएगा.
पढ़ेंःराजस्थान: मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों पर लगा विराम, कम से कम दो महीने तो कुछ नहीं हो पाएगा...
कोरोना के चलते विद्यार्थियों को फिलहाल स्कूल नहीं बुलाया जा रहा है और आओ घर से सीखे कार्यक्रम के तहत एक क्विज का आयोजन किया जाएगा. यह क्विज ऑनलाइन होगी और विद्यार्थियों को दिए गए होमवर्क के आधार पर होगी. इसी के आधार पर अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के नम्बरों का मूल्यांकन किया जाएगा. स्वामी ने बताया कि इसके अलावा विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए भी विशेष कार्यक्रम चलाया जाएगा और ब्रेल लिपि और अन्य तकनीक के माध्यम से उन्हें पढ़ाने के प्रयास किए जायेंगे.
शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत सत्र 2021-22 की तैयारियां:
शिक्षा निदेशक ने बताया कि पिछले 2 सालों में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हुई है, लेकिन इस बार कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते शिक्षण व्यवस्था प्रभावित नहीं हो इसको लेकर भी तैयारियां की गई है. जिससे विपरीत परिस्थिति में परीक्षा आयोजित नहीं हो तो साल भर किए गए होमवर्क के आधार पर आयोजित अर्द्धवार्षिक परीक्षा के मूल्यांकन के आधार पर वार्षिक परीक्षा के अंक विद्यार्थियों को दिए जा सकें.
क्लस्टर वर्कः
सौरभ स्वामी ने बताया कि पिछले दो सालों से विद्यार्थी स्कूल में लगातार नहीं आ पा रहे हैं. ऐसे में सीधे तौर पर उनकी शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है. इसलिए विद्यार्थियों को क्लस्टर बुक भी उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में जो लर्निंग गैप आया है उसी के चलते बिहाइंड ग्रेड वर्क्स बुक्स उन्हें उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे वह फिर से पिछली कक्षाओं में पढ़ाए गए अध्ययन से अपने आगे के अध्ययन को निरंतर कर सकें.