बीकानेर. रंगमंच का पांच दिवसीय महाकुंभ 'बीकानेर थियेटर फेस्टिवल' (Bikaner Theater Festival) शुक्रवार से प्रारंभ होगा. इस दौरान देश के 15 शहरों के लगभग 500 रंगकर्मी 25 नाटक प्रस्तुत करेंगे. संजना कपूर को समर्पित फेस्टिवल का उद्घाटन समारोह हंशा गेस्ट हाउस में होगा. आयोजन समिति सदस्य हंसराज डागा ने बताया कि फेस्टिवल के पहले दिन चितौड़गढ़ के नारायण शर्मा के लोक नाट्य तुर्रा किलंगी का मंचन होगा. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम संबंधित सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है.
बीकानेर ने दी रंगमंच को विशेष पहचान: फेस्टिवल से जुड़े कार्यक्रमों की श्रंखला में गुरुवार को टीएम ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक संध्या हुई. इस दौरान वीणा जोशी ने कत्थक नृत्य, पुखराज स्वामी ने मांड गायन, राजेंद्र जोशी ने सितार वादन, स्वाति भटनागर ने कालबेलिया और भवई नृत्य, केके रंगा ने हास्य विनोद, लालू उपाध्याय ने गीत, अहमदाबाद की टीम ने ढोल पर प्रभावी प्रस्तुति दी.
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सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त डॉ नीरज के पवन थे. उन्होंने कहा कि बीकानेर को उत्तर भारत की रंग राजधानी माना जाता है. इस शहर ने रंगमंच को और रंगमंच ने बीकानेर को विशेष पहचान दिलाई है. बीकानेर थिएटर फेस्टिवल के माध्यम से देश की रंगमंच शक्ति बीकानेर में साकार हो सकेगी. आयोजन से जुड़े सुरेंद्र धारणिया ने कहा कि फेस्टिवल के दौरान इस बाद रंग चर्चा, संगोष्ठियों और कार्यशालाओं के माध्यम से रंगमंच से अधिक से अधिक लोगों के जुड़ाव के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि पांच दिवसीय समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है. इस दौरान वरिष्ठ रंगकर्मी सुधेश व्यास, आयोजन समन्वयक सुनील जोशी, हिमांशु व्यास, विकास शर्मा सहित अनेक लोग मौजूद रहे.
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष रमेश बोराना, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. नंद किशोर आचार्य, आईपीएस सौरव श्रीवास्तव, संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन, जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल मौजूद रहेंगे.