राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

निकाय चुनाव को लेकर बीकानेर में सक्रिय हो गई भाजपा-कांग्रेस - बिकानेर में निकाय चुनाव

आगामी निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार के स्तर पर हो रहे बदलाव के बीच निकाय चुनाव के दावेदारों और कांग्रेस और भाजपा राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. बीकानेर में भी निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है. हालांकि, दोनों ही पार्टियों को अब महापौर के पद को लेकर लॉटरी का इंतजार है.

Bikaner municipal corporation elections, बिकानेर नगर निगम निकाय चुनाव, बिकानेर की खबर, bikaner news

By

Published : Oct 19, 2019, 9:47 AM IST

बीकानेर.निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार के स्तर पर हो रहे बदलाव के बीच निकाय चुनाव के दावेदारों और कांग्रेस और भाजपा राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं. निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार की तरफ से किए जा रहे बदलावों के बीच बीकानेर में दोनों ही दल अब देखो और इंतजार करो की रणनीति अपनाते हुए सक्रियता से तैयारियों में जुट गए हैं.

निकाय चुनाव को लेकर बीकानेर में सक्रिय हुई भाजपा व कांग्रेस

हालांकि, दोनों ही दलों के साथ संभावित प्रत्याशी भी महापौर की लॉटरी के इंतजार में है. दरअसल, बीकानेर में फिलहाल भाजपा का बोर्ड है और भाजपा के नारायण चौपड़ा महापौर है. ऐसे में भाजपा की कोशिश है कि फिर से एक बार नगर निगम में पार्टी सत्ता पर काबिज हो तो वहीं प्रदेश की सरकार में कांग्रेस की वापसी के बाद अब कांग्रेस के स्थानीय संगठन को इस बात की उम्मीद है कि जनता नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस के साथ रहेगी. निकाय चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप के दौर के पहले ही भाजपा कांग्रेस पर अपने ही निर्णय को बदलने को लेकर निशाना साधते हुए नजर आ रही है.

पढ़ेंः ममता शर्मसारः नवजात शिशु को बाल अधिकारिता विभाग में लावारिस छोड़ गई मां

भाजपा के शहर अध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य कहते हैं कि चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादे को एक तरह से खुद कांग्रेस की सरकार ने ही वापस लेकर अपनी हार मान ली है. आचार्य कहते हैं कि जिस तरह से यह निर्णय किया गया है वह साफ करता है कि निकाय चुनाव में कांग्रेस की सरकार खरीद-फरोख्त का जरिया अपनाकर अपना बोर्ड बनाना चाहती है. लेकिन अब जनता समझदार हो गई है और राष्ट्रवाद के नाम पर चुनाव में वोट देकर भाजपा को जिताएगी.

पढ़ेंः बीकानेर की बेटी बनाएगी कैनवास पर पेंटिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड

वहीं भाजपा के आरोपों पर जवाब देते हुए कांग्रेस के शहर अध्यक्ष यशपाल गहलोत कहते हैं कि पिछले 5 साल में बीकानेर में नगरीय विकास पूरी तरह से ठप हो गया. इसकी पूरी जिम्मेदारी भाजपा के बोर्ड की और महापौर की रही है. ऐसे में बीकानेर की जनता इन 5 सालों का हिसाब जरूर लेगी और प्रदेश में करीब 1 साल में कांग्रेस सरकार की ओर से किए गए जन कल्याणकारी योजनाओं के संचालन के बाद जनता का कांग्रेस पर भरोसा है. हालांकि, अपनी ही पार्टी की ओर से किए गए निर्णय के बदलाव पर बचते हुए गहलोत कहते हैं कि विकास का विजन रखने वाले व्यक्ति को महापौर बनाने को लेकर हाइब्रिड सिस्टम जैसा निर्णय किया है तो वहीं अप्रत्यक्ष चुनाव कराने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि पिछली बार भी कांग्रेस की सरकार ने यह निर्णय किया लेकिन भाजपा सरकार ने आते ही उस निर्णय को बदल दिया. अब भाजपा हम लोगों पर यह सवाल उठाकर केवल अपनी खीझ मिटा रही है.

पढ़ेंः बीकानेर-जयपुर हवाई सेवा बंद नहीं होगी, इसे निरंतर जारी रखने का करेंगे पूरा प्रयास : अर्जुन मेघवाल

दरअसल, पिछले 5 सालों में भाजपा के लिए खुद पार्टी के पार्षद ही नगर निगम में विपक्ष की भूमिका में नजर आए हैं. महापौर नारायण चौपड़ा का सदन और सड़क पर विकास नहीं होने को लेकर घेराव भी किया. इन 5 सालों में भाजपा का बोर्ड पूरी तरह से गुटबाजी का शिकार रहा. महापौर नारायण चौपड़ा को अपनी पार्टी के एक गुट का हमेशा विरोध सहन करना पड़ा. वहीं कांग्रेस में भी मामला कुछ ठीक नहीं लग रहा है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों में निकाय चुनाव की टिकटों के वितरण में असंतोष और बगावत के स्वर भी देखने को मिल सकते हैं. हालांकि, अनुच्छेद 370 के हटने के बाद राष्ट्रवाद के बने माहौल और प्रदेश में कांग्रेस में ऊपरी स्तर पर गुटबाजी का लाभ प्रारंभिक तौर पर भाजपा को मिलता नजर आ सकता है तो वहीं यदि समय रहते कांग्रेस नहीं चेती तो इसका नुकसान निकाय चुनाव में उसे झेलना पड़ सकता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details