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जिंदा है बॉर्डर फिल्म का असली हीरो भैरों सिंह, जांबाजी के लिए मेडल तो मिले लेकिन सुविधाएं नहीं

1997 में रिलीज हुई 'बॉर्डर' फिल्म में भैरों सिंह शहीद हो गया था, लेकिन सच्चाई ये है कि वतन का ये जांबाज सिपाही आज भी जिंदा है और गुमनामी की जिंदगी जी रहा है. बीएसएफ की ओर से मनाए जा रहे विजय दिवस सप्ताह कार्यक्रम में खास मेहमान के तौर पर भैरों सिंह को आमंत्रित किया गया था. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें मलाल है कि मेडल के अलावा उन्हें सरकार की ओर से कोई खास प्रोत्साहन नहीं मिला.

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जिंदा है बॉर्डर फिल्म का असली हीरो भैरों सिंह

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Published : Dec 11, 2020, 11:07 PM IST

बीकानेर. भारत-पाक के बीच हुए 1971 के युद्ध पर 1997 में एक बॉलीवुड फिल्म बनी थी, जिसका नाम था 'बॉर्डर'. इस फिल्म में आपने सुनील शेट्टी के रोल में भैरों सिंह के शहीद होने का सीन देख रोमांचित हुए होंगे, लेकिन आप यह जानकर अचंभित हो जाएंगे कि बॉर्डर फिल्म का यह रियल हीरो भैरों सिंह आज भी अपनी ही सरजमीं पर गुमनामी की जिंदगी जी रहा है.

जिंदा है बॉर्डर फिल्म का असली हीरो भैरों सिंह

वीर सूरमाओं की धरा शेरगढ़ के सोलंकियातला गांव में जन्मे भैरों सिंह बीएसएफ की 1971 में जैसलमेर के लोंगेवाला पोस्ट पर 14 बटालियन में तैनात थे. जहां पर भैरोंसिंह ने अपने असाधारण शौर्य व वीरता का परिचय देते हुए पाक सैनिकों के दांत खट्टे किए थे.

'जांबाज जवानों को किया गया सम्मानित'

विजय दिवस के मौके पर सीमा सुरक्षा बल की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बीकानेर सेक्टर मुख्यालय में आयोजन की आगाज में बीकानेर सेक्टर के बीएसएफ के उन जांबाज जवानों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने 1971 की लड़ाई में भाग लिया था. इस कार्यक्रम में खास मेहमान के तौर पर जोधपुर के शेरगढ़ के निवासी और सीमा सुरक्षा बल के रिटायर्ड जवान भैरों सिंह को भी खास तौर पर बुलाया गया.

'आज भी नहीं हुआ हौसला कम'

इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में भैरों सिंह ने कहा कि उन्हें गर्व है कि वह सीमा सुरक्षा बल के जवान रहे हैं और देश के लिए लड़ी लड़ाई में भाग लिया. हालांकि, 50 साल पहले लड़ाई की यादें अब उनके जेहन में धुंधली हो चली है, लेकिन फिर भी उनका हौसला कम नहीं हुआ है.

भैरों सिंह

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'आज भी बॉर्डर पर जाने को तैयार हूं'

भैरों सिंह ने कहा कि आज भी यदि देश और सीमा सुरक्षा बल को उनकी जरूरत है तो फिर से वे बॉर्डर पर जाने को तैयार हैं. इस दौरान सीमा सुरक्षा बल के जवानों और अधिकारियों के लिए एक संदेश देते हुए वे कहते हैं कि खुले दिल से जियो और देश की सेवा करो यह मेरा संदेश है.

'सरकार से नहीं मिला कोई प्रोत्साहन'

फिल्म बॉर्डर में भैरों सिंह को शहीद बताने के सवाल पर वे कहते हैं कि फिल्म में जो बताया उसका मुझे पता नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि अब इससे मुझे प्रचार मिला और मैं प्रसिद्ध हो गया. सेना मेडल से सम्मानित भैरों सिंह को इस बात का जरूर मलाल है कि मेडल के अलावा उन्हें सरकार की ओर से कोई खास प्रोत्साहन नहीं मिला. लेकिन इसके बावजूद वे कहते हैं कि जो मिला या नहीं मिला उसका कोई जिक्र नहीं. देश की सेवा के लिए मुझे सेना में जाना था और देश के लिए कुछ करना था और वह मैंने किया यह मेरे लिए बहुत है.

BSF के आईजी ने भैरों सिंह को किया सम्मानित

इस दौरान कार्यक्रम में खुद को बुलाने पर बीकानेर सेक्टर मुख्यालय के डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ सहित बीएसएफ अधिकारियों का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मौके पर मुझे याद किया इस बात की मुझे बेहद खुशी है. इस मौके पर बीएसएफ के आईजी आयुषमणि तिवारी ने भैरोंसिंह को सम्मानित किया. इस दौरान भैरों सिंह के साथ सेल्फी लेने के लिए बीएसएफ के जवानों में होड़ दिखाई दी.

'जांबाज जवानों को किया गया सम्मानित'

30 पाकिस्तानी दुश्मनों को किया था ढेर

भारत-पाक सीमा पर लोंगेवाला पोस्ट पर वे मेजर कुलदीप सिंह की 120 सैनिकों की कंपनी के साथ डटकर सामना करते हुए पाक के टैंक ध्वस्त करते हुए दुश्मन सैनिकों को मार गिराया था. शेरगढ़ के सूरमा भैरो सिंह ने एमएफजी से करीब 30 पाकिस्तानी दुश्मनों को ढेर किया था. शौर्यवीर भैरों सिंह की वीरता व पराक्रम के चलते सन 1997 में रिलीज हुई बॉर्डर फिल्म में सुनील शेट्टी ने राठौड़ का रोल अदा किया था. फिल्म में भैरोंसिंह को शहीद बताया गया था, लेकिन असल जिंदगी में फिल्म के रियल हीरो भैरोंसिंह आज भी पूरे जज्बे के साथ स्वस्थ्य हैं.

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