भीलवाड़ा. जिले में जेठ पूर्णिमा के अवसर पर जिले के 57 वाटर हॉल पर वन्यजीवों की गणना प्रारंभ हो चुकी है. शुक्रवार सुबह 8 बजे से शनिवार सुबह 8 बजे तक वन विभाग के कर्मचारी मचान बनाकर वन्यजीवों पर निगरानी रखेंगे. इस दौरान दूरबीन से पैंथर को भी तराशेंगे.
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कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में इस बार वैशाख पूर्णिमा को वन्यजीवों की गणना नहीं हो पाई है, जहां शुक्रवार को जेठ पूर्णिमा के अवसर पर जिले में वन्यजीवों की गणना प्रारंभ हो चुकी है. जिले के 57 वाटर हॉल चिन्हित किए गए हैं. जिसके पास मचान बनाकर वन विभाग के कर्मचारी शनिवार सुबह 8 बजे तक वन्यजीवों पर निगरानी रखेंगे.
भीलवाड़ा जिले के उप वन संरक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह जागावत ने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर वन्यजीवों की गणना प्रारंभ हो चुकी है. जहां 24 घंटे गणना चलेगी. शाहपुरा में 4, गंगापुर में 6, जहाजपुर में 6, भीलवाड़ा में 16, आसींद में 7 और मांडलगढ़ में 18 वाटर हॉल पर गणना होगी. पूर्णिमा पर वन्य जीव गणना की जाती है, क्योंकि चांद की रोशनी अधिक होती है. इस रोशनी में वन्यजीव आसानी से दिखाई देते हैं.
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वन्यजीव गणना की सूची में बाघ और बघेरे समेत 33 प्रकार के वन्यजीव शामिल है. गणना के दौरान पैंथर, नीलगाय, चिंकारा पर सर्वाधिक फोकस रहेगा. अब देखना यह होगा कि भीलवाड़ा जिले में वन्यजीव गणना के बाद गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष वन्यजीवों की संख्या में बढ़ोतरी होती है या कमी.