भीलवाड़ा.कोरोना संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन की स्थिति बन गई. जिसके चलते प्रोसेस हाउस को बंद कर दिया. इससे भीलवाड़ा जिले का पर्यावरण काफी शुद्ध हो गया था. लेकिन अब अनलॉक के तहत जिले में एक बार फिर से कुछ प्रोसेस हाउस शुरू हो चुके हैं. जिससे एक बार फिर से इन प्रोसेस हाउस से प्रदूषित पानी छोड़ने के कारण किसानों की जमीन, पीने का पानी सहित वायु प्रदूषित हो गई है. इस संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने चित्तौड़गढ़ नेशनल हाईवे के पास संचालित प्रोसेस हाउस के आसपास की स्थिति का जायजा लिया.
इस दौरान सामने आया कि जहां कुछ प्रोसेस हाउस द्वारा वर्षा ऋतु को देखते हुए प्रदूषित पानी को बाहर छोड़ा जा रहा है. वहीं, इससे प्रदूषण भी काफी बढ़ता जा रहा है. इसके चलते जिले के चित्तौड़गढ़ रोड के आसपास पीने वाले पानी के कुएं भी प्रदूषित हो चुके हैं और आसपास उस पानी में बदबू भी आ रही है, जिससे मानव जीवन पर काफी प्रभाव पड़ रहा है. वहीं, प्रोसेस हाउस से निकलने वाले प्रदूषण को लेकर ईटीवी भारत की टीम जब माणिक्य लाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय पहुंची. जहां इस संबंध में महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. बीएल जागेटिया के पास पहुंची.
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इस पर जागेटिया का कहना था कि प्रदूषण का तात्पर्य मनुष्य द्वारा पर्यावरण को अशुद्ध करने से हैं, जिससे पर्यावरण की गुणवत्ता कम हो जाती है. तकनीकी रूप से भूमि, वायु या जल में जैविक, रासायनिक गुणों में परिवर्तन होते हैं, उससे प्रदूषण बढ़ता है. प्रदूषण होने का ही कारण है कि वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा में प्रदूषण यहां की औद्योगिक इकाइयों द्वारा छोड़े जाने वाले अपशिष्ट जल से है. जिससे प्रदूषित जल वहां की भूमिगत जल, सरफेस वाटर बॉडी को प्रदूषित करता है. प्रोसेस हाउस से जो प्रदूषित जल बाहर छोड़ा जाता है, उस जल में हैवी मैटलस बहुतायत से पाए जाते हैं.