भीलवाड़ा.जिले के कोटड़ी स्थित चारभुजा नाथ की बारात (procession of Lord Charbhujanath) आज शहर में तुलसी संग विवाह (Lord Charbhujanath marry with Tulsi) रचाने पहुंची. यहां बारात में स्वीकृत संख्या से ज्यादा भक्तजन पहुंचने पर प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियों ने बारात को शहर में प्रवेश नहीं करने दिया. इससे भक्त जनों और पुलिस के बीच हल्की नोकझोंक (Clash with police while stop procession) भी हुई. इस पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और बाद कुछ ही भक्तों के साथ शहर में प्रवेश करने दिया.
जिले के कोटड़ी कस्बे स्थित मेवाड़ के प्रसिद्ध चारभुजा धाम से भगवान चारभुजा की बारात निकाली गई. बारात शहर के हरनी महादेव रोड स्थित ऋषि श्रृंग आश्रम पहुंची जहां भगवान चारभुजा नाथ का तुलसी संग विवाह रचाया गया. इससे पूर्व यहां कोटड़ी से बारात भीलवाड़ा शहर के अहिंसा सर्कल पर प्रशासन ने बारात को रोक दिया. इससे नाराज श्रद्धालुओं में आक्रोश फैल गया.
तुलसी संग ब्याह रचाने चले भगवान चारभुजा नाथ पढ़ें.कार्तिक शुक्ल एकादशी पर तुलसी विवाह उत्सव में धूमधाम से निकाली बारात
मेवाड़ के प्रसिद्ध चारभुजा मंदिर से भगवान चारभुजा नाथ आज विमान में विराजमान होकर शहर के हरनी महादेव रोड स्थित ऋषि श्रृंग आश्रम में तुलसी संग विवाह रचाने पहुंचे. यहां कोटड़ी से काफी संख्या में भक्त ठाकुर जी की बारात में शरीक होने साथ आए जहां भीलवाड़ा शहर के अहिंसा सर्कल पर मौजूद पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने बारात में शामिल लोगों से अपील की कि 100 आदमी ही ठाकुर जी की बारात लेकर शहर से होकर निकले. बाकी के भक्तजन दूसरे रास्ते से होकर गंतव्य स्थान तक पहुंचे.
इससे बारात में शामिल भक्तजन नाराज हो गए. पुलिस के बैरीकेडिंग लगाने से उनके बीच नोकझोंक भी हुई. अंत में पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. उसके बाद कम भक्तों के साथ बारात शहर से होकर गुजरी. इस दौरान जगह-जगह पुलिस का जाप्ता तैनात रहा. बारात में शामिल भक्तजनों को शहर के बाहर रोकने से भक्तों में आक्रोश फैल गया. सराफा व्यापारियों ने बारात को शहर में प्रवेश नहीं करने देने पर बाजार बन्द कर विरोध जताया.
क्या बोले विधायकः भीलवाड़ा शहर से भाजपा विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी ने जिला प्रशासन और प्रदेश की गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि धार्मिक जुलूस को रोकना बहुत ही गलत है. वहीं जहाजपुर से भाजपा विधायक गोपीचंद मीणा ने कहा कि प्रशासन ने बेवजह जुलूस रोका. लोग शांति प्रिय रूप से भगवान की बारात निकाल रहे थे.