भीलवाड़ा. पंचायती राज चुनाव के तहत आज भीलवाड़ा जिले की हुरडा पंचायत समिति की 23 ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सरपंच और वार्ड पंच पद के लिए नामांकन दाखिल किए जा रहे हैं. कोरोना महामारी के चलते इस बार प्रत्याशियों में ज्यादा उत्साह नहीं देखने को मिल रहा है. नामांकन दाखिल के दौरान नो जुलूस, नो ढोल, नो भोजन, नो भाषण बिना किसी कार्यक्रम के सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नामांकन दाखिल किए जा रहे हैं.
कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए सरपंच और वार्ड पंच का एक्सेप्ट किया जा रहा नामांकन ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा जिले के हुरडा पंचायत समिति के खारी का लांबा, गागेडा व कानिया ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पहुंची, जहां मौजूद रिटर्निंग अधिकारी कोरोना गाईडलाइन की पालना करते ही प्रत्याशियों से नामांकन एक्सेप्ट कर रहे हैं. सभी जगह पुलिस के जवान मौजूद है, जो सैनिटाइज के बाद मास्क लगा होने के बाद ही नामांकन दाखिल के लिए प्रवेश दे रहा है.
खारी का लांबा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सरपंच पद के लिए अपना भाग्य आजमा रहे उमा कंवर ने ईटीवी भारत को बताया कि मैं सरपंच का चुनाव लड़ रही हूं. महिला होने के नाते मैं महिला का दर्द समझती हूं. सबका विकास होगा और गांव में हर तरह की समस्या का समाधान करने की पूरी कोशिश करूंगी. साथ ही सरकार की योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित करूंगी.
यह भी पढ़ें-जयपुर में दिनदहाड़े B.Sc की छात्रा को पहले चाकुओं से गोदा, फिर गोली मारकर की हत्या
वहीं पूर्व जिला परिषद सदस्य हनुमंत सिंह राठौड़ ने ईटीवी भारत को बताया कि हम लोग इस गांव के विकास के लिए, गांव में भाईचारा बना रहे, घर-घर में नल से पानी पहुंचे और हर मोहल्ले में रोड लाइट हो, इसी मुद्दे पर हम चुनाव मैदान में जा रहे हैं. हमारा सपना है कि इस गांव का नाम राजस्थान में नाम हो और यहां के युवा साथियों को रोजगार के लिए प्रयास करूंगा. साथ ही जो भी केंद्र और राज्य सरकार की योजना है, उनको धरातल पर क्रियान्वित किया जाएगा.
वहीं गागेड़ा ग्राम पंचायत में पूर्व सरपंच हस्तीमल चौधरी जो अपनी पत्नी का नामांकन दाखिल करवाने पहुंचे हैं. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि हम चुनाव मैदान में पेयजल, किसानों की समस्या, गांव में नाली और सड़क के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं. साथ ही गांव में सबसे महत्वपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था की दुविधा है. सबसे पहले यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की पूरी कोशिश की जाएगी. इन्हीं मुद्दों को लेकर हम चुनाव मैदान में जा रहे हैं. नांमाकन के दौरान कोरोना गाईडलाइन की पालना की जा रही है.
नामांकन के दौरान नो भोजन, नो भाषण, नो जुलूस किसी प्रकार की आयोजन नहीं किया गया और गाइडलाइन की पालना करते ही नामांकन दाखिल कर रहे हैं. वहीं कानिया गांव में नामांकन दाखिल करने के बाहर मौजूद पुलिस के जवान शीशराम ने कहा कि हमारा प्रयास है कि बिना मास्क किसी भी चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को नामांकन दाखिल के दौरान प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. सैनिटाइजर और मास्क पहने होने पर ही मैं यहां से प्रवेश दे रहा हूं.
यह भी पढ़ें-राजस्थान में पुलिस का राजनीतिकरण, पार्टीकरण और कांग्रेसीकरण हो गया है: राजेंद्र राठौड़
रिटर्निंग अधिकारी अशोक कुमार भाटी ने कहा कि नामांकन प्रक्रिया जारी है. निर्वाचन विभाग की गाइडलाइन के अनुसार ही नामांकन एक्सेप्ट किए जा रहे हैं. बिना मास्क पहनकर आने वाले किसी प्रत्याशी का नामांकन एक्सेप्ट नहीं किया जा रहा है. नामांकन दाखिल के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी पालना की जा रही है. अब देखना यह होगा कि इस बार कोरोना गाईडलाइन की पालना करते हुए ही पंचायती राज के चुनाव संपन्न होते हैं या नहीं.