भीलवाड़ा.लाछुड़ा खनन में काम करने वाले मजदूर विष्णु भाट ने हादसे का वह खौफनाक मंजर अपनी आंखों से देखा था. उस हादसे को याद कर विष्णु सहम जाता है. उस दर्दनाक मंजर को अब वह जिंदगी भर कभी नहीं भूल सकता.
खदान में मजदूरी कर रहे विष्णु भाट ने बताया कि हम 10 मजदूर खदान में मिट्टी और पत्थर निकालने का काम कर रहे थे. खदान में क्रेन चलाने वाला ड्राइवर किसी काम से घर चला गया था. दोपहर 12 बजे मुझे प्यास लगी तो मैं पानी पीने के लिए खदान से बाहर निकला. तीन मिनट बाद करीब 50 मीटर दूर ही पहुंचा था कि धमाके की तेज आवाज आई.
हादसे में बाल-बाल बचे विष्णु ने बयां किया मंजर विष्णु ने बताया कि मैंने पीछे मुड़कर देखा तो खदान ढह चुकी थी और मिट्टी उड़ रही थी. मैंने भागकर आसपास के लोगों को हादसे के बारे में बताया. विष्णु समेत ये सभी मजदूर मांडल विधानसभा के कमेरी गांव के निवासी थे. वह खौफनाक मंजर लगातार विष्णु की आंखों के सामने आ रहा है. हादसे के बाद से ही उसका रो-रो कर बुरा हाल है.
बता दें कि भीलवाड़ा जिले के आसींद पंचायत समिति इलाके के लाछुड़ा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ये सभी मजदूर एक खदान में काम कर रहे थे. खदान का ऊपरी हिस्सा ढह जाने से 7 मजदूर मिट्टी तले दब गए. हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया लेकिन किसी मजदूर को बचाया नहीं जा सका. इन 7 मजदूरों में से 3 महिलाएं भी थीं. बताया जा रहा है कि यहां अवैध तरीके से फेल्सपार की माइनिंग की जाती है.
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हादसे के बाद प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. दोहपर को शुरू हुई ऑपरेशन देर शाम तक चला. जिसमें सभी शवों को खदान से निकाल लिया गया. सभी शवों को भीलवाड़ा मुख्यालय भेजा गया. रात के सभी शव मोर्चरी में रखे गए. गुरूवार की सुबह मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाएगा. खान में दबने से मजदूर कन्हैया भील, प्रहलाद भाट, गणेश भील, धर्मा भाट और महिला मजदूर हिंगला भाट, मीना भील और एक अन्य मीना भील की मौत हो गई.
कई घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
मजदूरों को निकालने के लिए करीब 7-8 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला. रेस्क्यू के दौरान एक-एक शव को खदान से बाहर निकाला गया. हादसे के बाद जिला कलेक्टर शिव प्रसाद एम नकाते, एसपी विकास शर्मा, माण्डल विधायक रामलाल जाट सहित मेडिकल और एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद रही.
मौके पर भारी संख्या में मौजूद रही पुलिस अवैध माइंस ने ले ली जान
आसीन्द थाना क्षेत्र के लाछूड़ा गांव में नूर मोहम्मद के खेत में अवैध र्क्वाटज निकलाने की खदान संचालित हो रही थी. जिसे संग्राम सिंह नाम का व्यक्ति संचालित कर रहा था. दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मलबे में दबे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था.
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जिला कलेक्टर ने कहा- पहले भी की थी कार्रवाई
हादसे के बाद से मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन को इस अवैध खनन के बारे में कई बार शिकायत की गयी थी. लेकिन अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और आज यह खान ढहने की दुर्घटना हो गयी. जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने कहा कि अवैध साईट के खिलाफ प्रशासन, पुलिस और माईनिंग विभाग की ओर से पहले भी एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की गयी थी. 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. इसके साथ पोकलेन मशीन, जेसीबी मशीन, ट्रेक्टर और अन्य सामग्री जप्त की गयी थी. तीन माह पहले यह कार्रवाई की थी.
शव निकलते रहे, एंबुलेंस से भीलवाड़ा पहुंचते रहे जिला कलेक्टर ने कहा कि अवैध खननकर्ता जो जेल में भी रहकर आया है, वह हिस्ट्रीशीटर है और इस प्रकार के अवैध कामों में लिप्त रहता है. फिलहाल शवों को निकालने का कार्य किया जा रहा है. दोबारा आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. खदान हादसे का शिकार हुए मृतकों के परिवारों को मुख्यमंत्री सहायता निधी से सहायता देने की कार्यवाही शुरू कर दी है.
खदान हादसे के बाद मौके पर पूर्व मंत्री रामलाल जाट भी पहुंचे. इस मामले में आरएलपी के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल ने भी ट्वीट कर कहा है कि खदान हादसे की खबर सुनकर मन स्तब्ध है.