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भीलवाड़ाः लॉकडाउन में मजदूर हो रहा मजबूर, महंगाई भी सिर आंखों पर

राजस्थान में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए गहलोत सरकार ने 24 मई तक लॉकडाउन लगा दिया है. जिसका सबसे बुरा असर गरीब और मजदूर वर्ग पर पड़ रहा है. भीलवाड़ा के ही एक मजदूर ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की संख्या काफी कम हो गई है. ऐसे में हम साइकिल से ड्यूटी कर रहे हैं और महंगाई सिर आंखों पर है.

मजदूरों पर कोरोना का असर, Corona effect on workers
मजदूर मांगू सिंह

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Published : May 17, 2021, 11:26 AM IST

भीलवाड़ा. विश्वव्यापी कोरोना जैसी महामारी के चलते सख्त लॉकडाउन लगा हुआ है. जिसका असर अब धरातल पर भी देखने को मिल रहा है. जहां दो जून की रोटी के लिए रात भर ड्यूटी कर साइकल पर लौट रहे मजदूर से ईटीवी भारत ने बात की. इस दौरान मजदूर ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की संख्या काफी कम हो गई है. ऐसे में हम साइकिल से ड्यूटी कर रहे हैं और महंगाई सिर आंखों पर है.

लॉकडाउन का मजदूरों पर पड़ रहा बुरा असर

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विश्वव्यापी कोरोना जैसी महामारी के कारण शक्त लॉकडाउन लगा हुआ है जिसका असर अब धरातल पर भी देखने को मिल रहा है. भीलवाड़ा जिले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही काफी कम हो गई है. ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग 79 पर पहुंची जहां वाहनों की पहले की तुलना में 10 प्रतिशत ही आवाजाही रह गई.

राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुजरने वाले मजदूर मांगू सिंह ने कहा कि मैं भीलवाड़ा जिले के सरेरी गांव के पास एक फैक्ट्री में चौकीदारी का काम करता हूं. पहले की तुलना में इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही काफी कम हुई है. वाहनों की आवाजाही नहीं होने के कारण मैं साइकिल से ही ड्यूटी करने जाता हूं और इस वक्त लॉकडाउन की वजह से दुकानें बंद है जिससे महंगाई की मार भी दोहरी है.

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मांगू सिंह ने कहा कि हम मजबूरी में मजदूरी करने के लिए जाते हैं. जिससे हमारा परिवार चला सके. यहां तक की ड्यूटी में जाने के दौरान उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस भी परेशान करती है, लेकिन करे तो क्या करें आखिर पेट तो भरना पड़ेगा. अब देखना यह होगा कि सख्त लॉकडाउन में जहां मजदूरों को परेशानी हो रही है उनकी परेशानी का समाधान करने के लिए जिला प्रशासन क्या पहल करता है.

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