भीलवाड़ा. जिले के जहाजपुर क्षेत्र से निकल रही बनास नदी में अवैध बजरी दोहन जोर-शोर से चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद भी यहां घड़ल्ले से अवैध बजरी का दोहन हो रहा है. जहां सोमवार को शाहपुरा रोड पर रामपुरा के समीप से निकल रही बनास नदी के पास रामपुरा गांव में एक अवैध बजरी स्टॉक की सूचना मिली. जिसके बाद तहसीलदार मुकुंद सिंह शेखावत और पटवारी प्रयागराज मीणा मौके पर पहुंचे.
अधिकारियों के पहुंचते ही बजरी कार्य में लगे व्यक्ति मौके से फरार हो गए. जिसके बाद प्रशासन के नुमाइंदे बजरी का स्टॉक किसका है, यह मालूम नहीं कर सके और स्टॉक को जब्त करने की कार्रवाई शुरू की. जहां स्टॉक के मालिक का पता नहीं लगने पर तहसीलदार के निर्देश पर बजरी को जेसीबी से वहीं वापस नदी में जमींदोज कर फैला दिया. ग्रामीणों ने प्रशासन की इस कार्रवाई पर संदेह व्यक्त किया.
ग्रामीणों का कहना था कि जिला कलेक्टर का निर्देश है कि अवैध बजरी स्टॉक को जब्त कर माइनिंग विभाग को सूचना दी जाए और बजरी को सरकारी दर पर नीलाम किया जाए, लेकिन यहां प्रशासन ने इस तरह की कार्रवाई करना उचित नहीं समझा. ग्रामीणों ने बताया कि बनास नदी में एलएनटी. मशीन लगाकर अवैध बजरी के ट्रेलर और ट्रक भरे जाते हैं, जिन्हें रोकने वाला भी कोई नहीं है. तहसीलदार मुकुंद सिंह शेखावत ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर ही वहां कार्रवाई करने पहुंचे, लेकिन अवैध बजरी स्टॉक के मालिक का पता नहीं चला. इस पर बजरी को नदी में ही वापस खुर्द बुर्द करा दिया गया. अवैध बजरी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई में प्रशासन कोई कसर नहीं रख रहा है.