भीलवाड़ा.राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गेनपुरा में स्कूली बच्चों की दिनचर्या मां सरस्वती की वंदना से शुरु होती है. इसके बाद बच्चे अपनी-अपनी कक्षाओं की तरफ रुख करते हैं. इस बीच जब पोषाहार का समय होता है तो बच्चों के सेहत का पूरा ख्याल रखा जाता है. पोषाहार में उन्हें ऑर्गेनिक सब्जियां ही परोसी जाती हैं. खास बात ये है कि ये साग-सब्जियां हैं स्कूल स्टाफ द्वारा कैंपस में ही खाली पड़ी जमीन पर उगाई जाती हैं.
बच्चों की शिक्षा के साथ उनके स्वास्थ्य को ध्यान रखते हुए स्कूल स्टाफ ने ये अनूठी पहल की है. एक बीघा के करीब जमीन में बने इस गार्डन में सब्जियां उगाने के लिए किसी प्रकार के रसायन का उपयोग नहीं होता. पिछले 1 वर्ष से लगातार स्कूल स्टाफ बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ सब्जियां भी उगा रहा है. जहां सर्दी की ऋतु में सब्जियां खत्म होने पर विद्यालय कैंपस में स्थित दूसरी जगह पर गर्मी की ऋतु की सब्जियों की बुवाई की जा चुकी है. इन सब्जियों की विशेष तौर पर ड्रिप सिस्टम से सिंचाई की जा रही है.
किचन गार्डन प्रभारी और पोषाहार बनाने वाली महिलाएं प्रतिदिन गार्डन की निगरानी करती हैं. वर्तमान में सर्दी ऋतु के हिसाब से पालक, मोगरी, मूली, धनिया, लौकी, गाजर और हरी मिर्च की बुवाई हो रखी है. जिनका उपयोग बच्चों के पोषाहार बनाने में लिया जाता है. साथ ही आगामी गर्मी ऋतु को देखते हुए भिण्डी, गवारफली, करेला, टिंडी, तर ककड़ी की बुवाई अभी से की जा चुकी है. स्कूल में अध्यनरत एक छात्र महावीर गुर्जर ने बताया कि हमें पोषाहार में यहां उगी सब्जियां ही उपयोग में ली जाती हैं.
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ड्रिप सिस्टम से सिंचाई
खास बात यह है कि बागवानी ड्रिप सिस्टम से कि जाती है. इससे रोजाना सैकड़ों लीटर पानी की बचत होती है. प्रत्यक्ष रुप से तो नहीं लेकिन अप्रत्यक्ष रुप से स्कूल के बच्चे भी इसमें हाथ बंटाते हैं. एसयूपीडब्ल्यू (समाज उपयोगी एवं उत्पादक शिविर) कैंप के माध्यम से बच्चों को बागवानी से परिचित करवाया जाता है. स्कूल के शिक्षकों का मानना है कि भविष्य में विद्यार्थी कृषि व उद्यानिकी को आजीविका का माध्यम भी बना सकते हैं.