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राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्‍य पहुंचे भीलवाड़ा, बाल संप्रेक्षण गृह का किया निरीक्षण...आयोग के समक्ष रखेंगे समस्या - child observation home

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्‍य शैलेन्द्र पांड्या शनिवार को भीलवाड़ा पहुंचे. यहां उन्होंने बाल संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और बच्चों की दिनचर्या के बारे में जानकारी ली.

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राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्‍य पहुंचे भीलवाड़ा

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Published : Jul 3, 2021, 7:47 PM IST

भीलवाड़ा. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्‍य शैलेन्द्र पण्ड्या एक दिवसीय दौरे पर भीलवाड़ा पहुंचे. यहां उन्‍होंने पालडी ग्राम स्थित बाल संप्रेक्षण गृह का औचक निरिक्षण किया. इस मौके पर बाल कल्‍याण समिति अध्‍यक्ष गिरिश पांडेय भी मौके पर मौजूद रहे. पालडी स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में बच्‍चों की दिनचर्या की विस्‍तृत जानकारी भी ली.

अधिकारियों को इस मौके पर बच्‍चों की सोच को विभिन्न माध्यमों से रचनात्मक बनाने के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए. पांड्या ने इस परिजनों की ओऱ से पालना गृह में छोड़कर जाने वाले शिशुओं को भी देखा और उनकी देखभाल करने वाली कर्मचारियों से भी जानकारी ली. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में फैले अंधविश्वास को खत्म करने के लिए आयोग की ओर से जागरूकता अभियान चलाने की बात भी कही.

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्‍य पहुंचे भीलवाड़ा

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बाल विवाह और कुरीतियों पर बोला हमला

निरिक्षण के बाद शैलेन्द्र पांड्या ने कहा कि भीलवाड़ा में बाल विवाह व अन्‍य कुरीतियों को लेकर हमने बाल कल्‍याण समिति के सदस्‍य से बात की है. यहां से प्राप्‍त जानकारी को हम राज्‍य आयोग की बैठक में रखेंगे. हम बाल अपराध को लेकर काफी गंभीर हैं और इसके लिए त्‍वरित कदम भी उठाते हैं, मगर अंधविश्‍वास के प्रति लोगों को जागरूक होना पडे़गा. इसको लेकर आयोग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता को लेकर कई प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.

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बच्चों की काउंसलिंग पर देंगे जोर

बाल अपराध मामले में कार्रवाई नहीं होने के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि इसका मुख्‍य कारण सूचना में देरी और अपराधियों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई का अभाव भी है. जब तक अपराधी को कठोर दंड नहीं मिलेगा तब तक इसमें सुधार नहीं होगा. बाल संप्रेक्षण गृह से भी बच्‍चों के भागने के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि हम प्रयास कर रहे हैं कि बच्‍चों को सही तरीके से काउंसलिंग की जाए जिससे उनके आपराधिक रवैये में सुधार आ सके.

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