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स्पेशल रिपोर्ट: इरास के ग्रामीणों ने सुना मां का दर्द, बिस्तर पर लेटा है बीमार बेटा, ग्रामीणों ने उसके उपचार के लिए जुटाए 1 लाख 35 हजार रुपए

दिमाग में खून जम जाने के कारण अपनी मां का इकलौता सहारा उसका बेटा आज उसके सामने गंभीर बीमारी से जूझ रहा है. इतना ही नहीं वह बिस्तर से उठ पाने की स्थिति में भी नहीं है. इसके बाद अपने बेटे के इलाज के लिए संघर्ष करती और आर्थिक परेशानियों से जूझती उसकी मां के लिए मददगार गांव वालों बने है. जिन्होंने उसकी कुछ आर्थिक मदद की है.

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Published : Oct 14, 2019, 2:31 PM IST

भीलवाड़ा.जिले के रायला पंचायत समिति के ईरास गांव में एक विधवा मां पर मुसीबतों का कहर टूट पड़ा है. जिस बुढ़ापे में बेटे को मां की सेवा करनी चाहिए, उस समय बेटा गंभीर बीमारी से जूझता हुआ घर के बिस्तर पर पड़े रहने के लिए मजबूर है. बुजुर्ग मां बेटे के इलाज के लिए एक-एक पैसा जोड़ रही है. ऐसी हालत में कुदरत ने भी अपना विकराल रूप दिखाया. जिलें में हुई भारी बारिश की वजह से वृद्धा का कच्चा घर भी गिर गया. जिस वजह से विधवा मां अपने बेटे, बहु और एक साल की पोती के साथ अपने जेठ के घर रह रही है. साथ ही बेटे का इलाज भी करवा रही है.

इरास के ग्रामीणों ने सुना मां का दर्द

दरअसल, भीलवाड़ा जिले के आसीन्द उपखंड क्षेत्र के ईरास ग्राम पंचायत के निवासी मनफूल जाट 34 वर्षीय को आठ साल पहले पेट दर्द की शिकायत हुई थी. जिसके बाद जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में ऑपरेशन हुआ था. ऑपरेशन के बाद सब कुछ ठीक चल रहा था. मनफूल भीलवाड़ा के लेडमार्क होटल में काम करता था. घर में इकलौता कमाने वाला मनफूल ही था. कुछ दिनों के बाद मनफूल को सिर दर्द होने लगा.

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इलाज के दौरान पता चला कि मनफूल के दिमाग में खून का एक छोटा सा धब्बा है. धीरे-धीरे इस धब्बे ने विकराल रुप ले लिया. जिसकी वजह से मनफूल का ऑपरेशन करना पड़ा. ऑपरेशन के बाद सब ठीक था. पर एक बार फिर से मनफूल को सिर दर्द की परेशानी हुई. तब मनफूल की मां ने उदयपुर के एक अस्पताल के डॉक्टर को बताया तो डॉक्टर ने फिर से ऑपरेशन की बात कही. साथ ही यह भी बताया कि मनफूल की दो हड्डियां भी खराब हो चुकी है. जिसका फिर से मां ने जैसे-तैसे पैसों का इंतजाम कर ऑपरेशन करवाया. जिसमें 10 लाख रुपए खर्च हो गए.

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वहीं दोबारा इलाज के लिए पैसो की कमी की वजह से मां मनफूल को उदयपुर नहीं ले जा सकी. मनफूल ने खाना-पीना छोड़ दिया और बिस्तर पकड़ लिया. मनफूल अब घर के बिस्तर पर लेटे रहने को मजबूर है. वहीं वृद्ध मां अब भी अपने बेटे को ठीक करने के लिए दिन रात उसकी सेवा में लगी है.

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जब इस बात का पता गांव के ग्रामीणों और युवाओं को लगा तो उन्होंने पंचायत में मीटिंग बुलाई. मनफूल की मदद के लिए ग्रामीणों ने एक घण्टे में एक लाख पैतीस हजार पांच सौ रुपये एकत्र करके मनफूल की मां को उपचार के लिए सहयोग में दिया. जिससे वह अपने बेटे का इलाज करवा सके.

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