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कोरोना कहर के बाद भीलवाड़ा में बजी स्कूल की घंटी, छात्राओं में दिखी खुशी - राजस्थान की ताजा हिंदी खबरें

प्रदेश में सबसे पहले हॉटस्पॉट बनकर उभरे भीलवाड़ा में सोमवार से स्कूल, कॉलेज और कोचिंग क्लासेस का संचालन शुरू हो गया है. जहां कोरोना गाइडलाइन के तहत छात्र-छात्राओं को स्कूल में प्रवेश दिया गया.

Opening of school brings joy to teachers, स्कूल खुलने से शिक्षकों के चेहरे पर खुशी
स्कूल खुलने से शिक्षकों के चेहरे पर खुशी

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Published : Jan 18, 2021, 2:00 PM IST

भीलवाड़ा. कोरोना कहर के बीच लगभग 9 महीने 27 दिन के बाद पहली बार प्रदेश में सोमवार से स्कूल, कॉलेज, कोचिंग खुल गए हैं. वहीं स्कूलों में नौवीं से बारहवीं तक कक्षाएं लगेगी, जबकि कॉलेजों में अंतिम वर्ष की कक्षाएं लगाई जाएगी. अभी पहली से आठवीं तक की कक्षाएं बंद रहेगी.

स्कूल खुलने से शिक्षकों के चेहरे पर खुशी

दरअसल प्रदेश में सबसे पहले कोरोना की शुरुआत कपड़ा नगरी भीलवाड़ा में हुई, जिसमें त्वरित निर्णय लेकर जिला प्रशासन ने 19 मार्च को ही कर्फ्यू लगा दिया था, जिसके बाद से सभी स्कूल, कॉलेज ओर कोचिंग क्लासेस इतिहास में पहली बार इतने लंबे समय तक बंद रहे. लगभग आज 309 दिन के बाद सोमवार को इनकी शुरुआत हो गई. कोरोना संक्रमण के कारण विद्यालय में 50 प्रतिशत छात्र-छात्राओं को ही बुलाया जा रहा है. जहां कोरोना गाइडलाइन के तहत छात्र-छात्राओं को स्कूल में प्रवेश दिया गया.

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ईटीवी से खास बातचीत करते हुए सेठ मु. मा. रा. कन्या विद्यालय की शिक्षिका सीमा देवी ने कहा कि विद्यालय में कोरोना गाइडलाइन के तहत छात्राओं को प्रवेश दिया जा रहा है. जहां छात्राओं की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है, वहीं पूरी स्कूल में जगह-जगह सैनिटाइजेशन के लिए सैनिटाइजर पेडल मशीन लगाई है. जिससे छात्राएं समय-समय पर अपने हाथों को सैनिटाइज करती रहेगी.

छात्राओं को निर्देश भी दिए हैं कि कोई भी छात्रा अपने किसी सहपाठी के साथ लंच बॉक्स या फिर रबड़, पेंसिल, पेन जैसी सामग्री का आदान-प्रदान नहीं करेगी. विद्यालय में छात्रों की संख्या ज्यादा होने के कारण दो पारी में स्कूल का संचालन किया जा रहा है. जिसमें 50% छात्राओं को आज बुलाया गया है और दूसरे दिन बाकी के 50% बच्चे बुलाए जाएंगे. जिससे सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना होती रहेगी.

वहीं दूसरी तरफ स्कूल की छात्राओं का कहना है कि विद्यालय में आज 9 महीने बाद आकर काफी खुशी महसूस हो रही है. लॉकडाउन के समय हमेशा सोचते थे कि स्कूल कब खुलेगी और कब स्कूल में पढ़ने के लिए जाएंगे. वहीं ऑनलाइन क्लास की बात की जाए तो ऑनलाइन क्लास में भी कुछ मुश्किल प्रश्न और सवाल होते थे, जो आसानी से समझ नहीं आते थे, लेकिन अब ऑफलाइन क्लास होने के बाद वह आसानी से समझ जाएंगे और हमारी पढ़ाई भी सही तौर पर हो पाएगी.

प्रार्थना सभा नहीं होगी

शिक्षण संस्थानों में प्रार्थना सभा या अन्य सामूहिक कार्यक्रम नहीं होंगे. विद्यार्थी शिक्षण संस्था तभी जा सकेंगे, जब उनके माता-पिता की लिखित सहमति होगी. कंटेनमेंट जोन के बाहर संस्थान खोले जाएंगे. जहां ऑनलाइन क्लास चलाई जा रही है, वहां विद्यार्थियों को भौतिक रूप से उपस्थित होने के बजाय ऑनलाइन उपस्थिति की प्राथमिकता मिलेगी. वहीं 50% ही बच्चों को बुलाया जाएगा.

स्कूल में यह होगी सख्ती

कोरोना संक्रमण के तहत मिली गाइडलाइन के अनुसार स्कूल में छात्र छात्राओं को गाइडलाइन के तहत प्रवेश दिया जाएगा. वहीं स्कूल में छात्र-छात्राओं के लंच बॉक्स , वाटर बोतल, पेंसिल रबड़ जैसे सामग्री का आदान-प्रदान करने की सख्त मनाई की गई है. वहीं छात्र-छात्रा एक दूसरे से हाथ भी नहीं मिला सकती ना ही गले लग सकते हैं.

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स्कूल में छात्रों के आने से पहले तैयारी

कोरोना संक्रमण के चलते जिले के सभी स्कूलों में आदेश मिलने से पहले तैयारियां शुरू कर दी गई थी. जिसमें स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए गोले बनाए गए, क्लासरूम को सैनिटाइज करवाया गया. वही क्लास रूम के अंदर मौजूद टेबल को भी पांच 5 फीट की दूरी पर रखा गया और हर क्लास रूम के बाहर और विद्यालय के हर मुख्य द्वार पर सैनिटाइजेशन मशीन, थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई.

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