भीलवाड़ा. संघ प्रमुख मोहन भागवत 1 दिन के प्रवास पर सोमवार को भीलवाड़ा में रहे. इस दौरान उन्होंने तेरापंथ नगर के आदित्य विहार में तेरापंथ धर्म संघ के 11वें आचार्य महाश्रमण महाराज के सानिध्य में आयोजित दो सत्रों में भाग लिया. इस दौरान सबसे महत्वपूर्ण सत्र सवाल जवाब का रहा. जिसमें आचार्य महाश्रमण महाराज की मौजदगी में साधु-साध्वियों ने खुलकर सवाल जवाब किए.
इस दौरान एक साध्वी ने संघ प्रमुख से सवाल किया कि संघ का सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप रहता है क्या?. जिसके जवाब में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ किसी भी सरकार के काम में हस्तक्षेप नहीं करता है. सरकार की चौखट में हम नहीं घुसते. राजनीति में हस्तक्षेप नही करते है, हम सीधा नरेंद्र भाई मोदी को यह नहीं कहते हैं कि आप यह काम करो. मगर राष्ट्रहित के मुद्दे पर संविधान के दायरे में रहकर उचित कदम उठाते हैं. संघ प्रमुख ने राम मंदिर के मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि आवश्यकता पड़ने पर ऐसे मामलों में यह काम करना होता है. संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि समाज के माध्यम से यह कदम उठाने पड़ते हैं.
इस विशेष सेशन में संघ प्रमुख मोहन भागवत से एक साध्वी ने जब पूछा प्रधानमंत्री को मार्गदर्शन देता है संघ ?. इस सवाल पर भागवत बोले कि राजनीति में हस्तक्षेप नही करते मगर राम मंदिर जैसे मुद्दे पर सलाह देते हैं. जरूरत होती है तो राष्ट्रहित के मामलों में सविधान के दायरे में रहकर समाज के माध्यम से दबाव बनाते हैं. कार्यक्रम में जैन समाज के साधु और साध्वियों ने संघ प्रमुख भागवत से कई सवाल पूछे. शिक्षा के सवाल पर भागवत बोले देश में सही दिशा में काम हो रहा है.
संघ प्रमुख ने फिनलैंड का उदाहरण देकर गुरुकुल पद्धति को श्रेष्ठ शिक्षा पद्धति बताया. भागवत ने कहा कि विश्व के अग्रणी देश हमारी गुरुकुल शिक्षा पद्धति को अपना रहे हैं. मोहन भागवत शहर के तेरा पंथनगर में चल रहे जैन समाज के राष्ट्रीय संत आचार्य महाश्रमण महाराज से आशीर्वाद लिया. चातुर्मास कमेटी की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया. कार्यक्रम के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत चित्तौड़गढ़ के लिए रवाना हुए.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शहर के तेरा पंथनगर में चल रहे जैन समाज के राष्ट्रीय संत आचार्य महाश्रमण जी के चातुर्मास में आचार्य महाश्रमण जी के दर्शन कर आशीर्वाद लिया. जहां चातुर्मास स्थल पर पहुंचने पर चातुर्मास कमेटी की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया. जहां सबसे पहले आचार्य महाश्रमण जी ने धर्म और आध्यात्मिक के बारे में संबोधन किया.