भीलवाड़ा.विश्व व्यापी कोरोना महामारी का असर अब हर तरह के व्यापार में देखने को मिल रहा है. जहां राजस्थान पथ परिवहन निगम की ओर से संचालित रोडवेज बसों के चक्के सोमवार से थम जाएंगे और आखातीज पर जो रोडवेज को कमाई की उम्मीद थी उन पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है. कोरोना महामारी ने रोडवेज की कमर तोड़ दी है.
कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर रोडवेज की कमर तोड़ दी है. साल के 4 माह बीत गए हैं और कमाई के नाम पर कुछ खास उम्मीद नहीं बध पाई है. अब आखातीज पर कमाई का दिन आया तो सख्त लॉकडाउन की घोषणा से रोडवेज प्रबंधन मायूस है. रोडवेज बसों के कल से चक्के थम जाएंगे.
संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सरकारी परिवहन के साधनों पर ब्रेक लगाने का सरकार ने निर्णय किया है. इससे रोडवेज पर संकट के बादल मंडरा गए हैं लोगों के लिए रोडवेज यात्रा का एकमात्र साधन है. जहां रोडवेज प्रबंधन कोरोना से हुऐ घाटे की भरपाई में लगा था. ट्रेनों में यात्रा से पहले आरक्षण अनिवार्य होना है और जनरल बोगी नहीं होने से लोग रोडवेज में यात्रा करना पसंद कर रहे हैं. अब बस बंद करने के निर्णय से राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को धक्का लगा है.