भीलवाड़ा. जिले में खरीफ की फसलों में रिमझिम बरसात का प्रभाव अब धीरे-धीरे दिखाई देने लगा है. खरीफ की फसलों में रिमझिम बरसात के कारण दलहनी फसलों में पीलापन का प्रकोप बढ़ने लगा है. वहीं पीलापन के साथ-साथ कीटों का भी प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी हैं.
भीलवाड़ा : रिमझिम बरसात से फसलों में बढ़ने लगा पीलापन का प्रकोप
भीलवाड़ा में पिछले 15 दिन से कभी धूप तो कभी रिमझिम बरसात के कारण दलहनी फसल जैसे उड़द, मूंग, चवला और तिलहन की फसल को नुकसान हो रहा है. इन फसलों में ज्यादा पानी लगने की वजह से फसल पीला पड़ता जा रहा है. वहीं छोटे-छोटे कीट भी फसलों में होने लगे हैं, जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है.
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भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक डॉ चावला ने किसानों को फसल के बचाव का तरीका बताया है. उन्होंने कहा कि जिले में रिमझिम बरसात के कारण फसलों में पीलापन के साथ ही कीटों का प्रकोप बढ़ने लगा है. इसके रोकथाम के लिए जिले के समस्त कृषि पर्यवेक्षक किसानों के खेतों में जाकर उक्त फसल का बारीकी से निरीक्षण करेंगें और किसानों को इस फसल के बचाव के लिए आवश्यक उपाय भी बताएंगें. उन्होंने बताया कि जिले में खरीफ की फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में आदान उपलब्ध है, जहां जिले के समस्त सहकारी समितियों के साथ-साथ निजी दुकानों पर भरपूर मात्रा में यूरिया खाद उपलब्ध है. डॉ चावला ने बताया कि फसलों में पीलापन नाइट्रोजन की कमी के कारण होता है. नाइट्रोजन की कमी को दूर करने के लिए यूरिया खाद का छिड़काव करना चाहिए, जिससे फसलों में पीलापन का प्रकोप खत्म हो सके.
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भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक ने बताया कि जिले में इस बार कृषि विभाग द्वारा 4 लाख 39 हजार हेक्टेयर भूमि में खरीफ की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से किसानों ने 91 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है. किसानों ने इस बार मूंग, उड़द, तिल, बाजरा, कपास, सोयाबीन, मक्का और मूंगफली की फसल बोई हुई है.