भीलवाड़ा. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सपना है कि राजस्थान में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर जनरेट हों. इसको लेकर इंवेस्टमेंट समिट (Rajasthan Investment Summit) का आयोजन किया जा रहा है. इसकी जिला स्तर पर शुरुआत बुधवार को औद्योगिक नगरी भीलवाड़ा से की गई. यहां शहर के एक निजी होटल में इसे लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया.
कार्यक्रम में उद्योग विभाग की आयुक्त अर्चना सिंह, अजमेर संभागीय आयुक्त डॉ. वीणा प्रधान और जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते की मौजूदगी रही. जहां उद्योगपतियों के साथ 10 हजार करोड़ रुपए के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए.
उद्योग विभाग की कमिश्नर अर्चना सिंह से खास बातचीत शिविर की विधिवत शुरुआत के बाद राजस्थान सहित अन्य प्रदेश से आए उद्योगपतियों को केंद्रीय वस्त्र सचिव और प्रदेश की उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने डिजिटल प्लेटफॉर्म से संबोधित किया. केंद्रीय वस्त्र सचिव जेपी शाह ने उद्योगपतियों को कहा की उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार संकल्परत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि टेक्सटाइल पार्क लगे जिससे उद्योगों को बढ़ावा मिल सके.
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वहीं प्रदेश की उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने भी उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ ही उद्योगपति की हर समस्या का निस्तारण करने का आश्वासन दिया. समारोह में भीलवाड़ा जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने उद्योगपतियों के साथ 10 हजार करोड़ रुपए का एमओयू किया.
सम्मेलन की समाप्ति के बाद उद्योग विभाग की कमिश्नर अर्चना सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि आज भीलवाड़ा में प्रदेश का पहला इन्वेस्टमेंट समिट का सफल आयोजन हुआ. मैं सभी को बधाई देती हूं. आने वाले समय में प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर भीलवाड़ा में आयोजित हुआ समिट प्रेरणादाई बनेगा.
वहीं उद्योग विभाग की कमिश्नर अर्चना सिंह ने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने का कार्य तो काफी समय से हो रहा है, लेकिन पिछले दो साल से कोरोना के कारण यह कार्य रुक गया था. वर्तमान में कोरोना की दूसरी लहर जाने के बाद एक बार फिर उद्योग पटरी पर लौट चुके हैं. सीएम गहलोत का सपना है कि प्रदेश आर्थिक रूप से विकसित हो और लोगों को रोजगार मिले. इसको ध्यान में रखते हुए ही जिला स्तर पर इंवेस्टमेंट समित का आयोजन किया जा रहा है.
प्रदेशभर के सभी जिलों में होगा समिट का आयोजन
अर्चना सिंह ने कहा कि भीलवाड़ा से जिला स्तर समिट की शुरुआत की गई है. भीलवाड़ा मॉडल के आधार पर ही सभी जिला मुख्यालयों पर इंवेस्टमेंट समिट का आयोजन किया जाएगा. इस समिट में बड़ी संख्या में एमओयू होंगे और लोगों को रोजगार मिलेगा.
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साथ ही समिट में एमओयू होने से प्रदेश की इकोनॉमी बुस्ट होगी. राज्य स्तर पर कई तरह की पॉलिसी बन रही हैं. जल्द ही इन पॉलिसीज को धरातल पर क्रियान्वित किया जाएगा. एमएसएमई, एक्सपोर्ट और टेक्सटाइल की पॉलिसी बन चुकी है. साथ ही उद्योगपतियों की समस्याओं के समाधान की तरफ भी विचार किया जा रहा है.
अर्चना सिंह ने कहा कि उद्योगपतियों के साथ चर्चा की गई. जिसमें बिजली, पानी और जमीन को लेकर मुख्यत: समस्या सामने आई है. जल्द ही इन समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा. जिससे प्रदेश के उद्योग विकसित हो सकें. साथ ही उन्होंने कहा कि आज जो एमओयू हुए हैं उसमें पूरी पारदर्शिता के साथ काम किया जाएगा. उद्योगपतियों के साथ हुई बैठक में दोनों ओर से पक्ष रखा गया है. सरकार और प्रशासन हर तरह से उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं.