भीलवाड़ा. शहरी क्षेत्र के वाइन शॉप संचालकों ने सोमवार को आबकारी विभाग कार्यालय में प्रदर्शन किया. इस दौरान वाइन शॉप संचालकों ने आबकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए जिला प्रशासन से भीलवाड़ा शहरी क्षेत्र में शराब की दुकान खुलवाने की मांग की.
वाइन शॉप संचालकों ने प्रशासन पर हठधर्मिता का आरोप लगाते हुए कहा कि देश और प्रदेश में कहीं भी शहरी क्षेत्र में शराब की दुकानें बंद नहीं की गई है. लेकिन, ये प्रतिबंध सिर्फ भीलवाड़ा के शहरी क्षेत्र में लगा हुआ है. इसके कारण वाइन शॉप संचालकों को रोजाना लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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वाइन शॉप संचालक निखिल ने कहा कि प्रतिबंध सिर्फ भीलवाड़ा शहरी क्षेत्र में होने से प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान हो ही रहा है. वहीं, शहरी क्षेत्र में शराब की कालाबाजारी भी बढ़ गई है. ऐसे में सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
इस मामले में आबकारी अधिकारी प्रकाश चंद्र निगम ने शराब की अवैध तस्करी को नकारते हुए कहा कि शहरी क्षेत्र में शराब की दुकानें बंद होने के कारण विभाग को रोजाना 30 फीसदी राजस्व हानि हो रही है. दुकानदारों के मांग-पत्र को प्रशासन तक पहुंचा दिया जाएगा.
एनएसयूआई ने की बिना परीक्षा पास करने की मांग, सौंपा 3 सूत्रीय मांग-पत्र
भीलवाड़ा में एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने सोमवार को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए माणिक्य लाल वर्मा महाविद्यालय के प्राचार्य को 3 सूत्रीय मांग-पत्र सौंपा. इसमें एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने लॉकडाउन के चलते शिक्षा प्रभावित होने की बात कहते हुए विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रवेश देने की मांग की है. साथ ही एनएसयूआई ने मांगे नहीं माने जाने पर आगे ठोस कदम उठाने की भी चेतावनी दी है. एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष रितेश गुर्जर ने कहा कि कॉलेज में परीक्षाएं होने पर अगर कोई कोरोना संक्रमित परीक्षा देना आ गया तो सभी में संक्रमण होने की संभावना हो जाएगी. वहीं, महामारी के इस दौर में छात्र मानसिक अवसाद से भी गुजर रहे हैं. बीए, बीकॉम और बीएससी के प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश दे देना चाहिए. वहीं, फाइनल ईयर के छात्र-छात्राओं को 10 फीसदी अधिक अंक जोड़कर पास कर देना चाहिए.