भीलवाड़ा.कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन की वजह से देश की आबोहवा में ताजगी आ गई है. जिससे अब आसमान साफ नजर आने लगा है और पानी में भी कोई प्रदूषण नहीं फैल रहा है. लॉकडाउन ने पर्यावरण को स्वस्थ होने के लिए अवकाश दे दिया है. जिससे हवा में घुला जहर अब धीरे-धीरे कम होता जा रहा है और नदियां निर्मल हो रही हैं. अब प्रदूषण अपने निम्न स्तर पर पहुंच चुका है.
लॉकडाउन की वजह से देश में कल कारखाने बंद पड़े हैं. वाहनों की आवाजाही पर रोक लग गई है. जिसकी वजह से पर्यावरण और जल प्रदूषण में काफी कमी आई है. ईटीवी भारत की टीम ने वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा शहर में प्रदूषण को लेकर स्थिति का जायजा लिया. जहां तमाम वस्त्र उद्योग बंद होने से आसमान साफ नजर आया.
लॉकडाउन के पहले और बाद में वायु प्रदूषण की मात्रा :
- 21 मार्च को दिल्ली में वायु प्रदूषण पीएम 2.5 की मात्रा 165 MCG/ क्यूबिक मीटर थी
- लॉकडाउन के दौरान घटकर 64 MCG/ क्यूबिक मीटर हो गई
जयपुर में पीएम 2.5 का आंकड़ा
- लॉकडाउन से पहले 139 MCG/ क्यूबिक मीटर
- जो लॉकडाउन के बाद 68 MCG/ क्यूबिक मीटर हो गया
भीलवाड़ा में भी घटा प्रदूषण
- भीलवाड़ा में यह आंकड़ा लॉकडाउन के पहले 25. 6 MCG/ क्यूबिक मीटर था
- कुल मिलाकर 60 से 70 प्रतिशत की आई कमी
माणिक्य लाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. बीएल जागेटिया के मुताबिक लॉकडाउन के बाद पर्यावरण और जलवायु के संबंध में पूरे विश्व के सभी देशों से अच्छी रिपोर्ट प्राप्त हो रही है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में जलवायु और पर्यावरण में सुधार आया है. नासा द्वारा जारी नक्शे में यह दिखाया कि भारत में पर्यावरण प्रदूषण में अभी की स्थिति पिछले 20 सालों से सबसे न्यूनतम स्तर पर है.