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भीलवाड़ा में शांतिपूर्ण चल रहा मतदान, जनता कर रही प्रशासन का सहयोग - सरपंच वार्ड पंच का चुनाव

विश्वव्यापी कोरोना महामारी का असर इस बार पंचायती राज चुनाव में भी देखने को मिल रहा है. मास्क या सैनिटाइजर के बिना किसी मतदाताओं को मतदान केंद्र के अंदर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. चुनाव पर्यवेक्षक संजय शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना गाइडलाइन के अनुसार ही पंचायती राज चुनाव संपन्न करवाए जा रहे हैं. प्रशासन के प्रयासों से जनता के बीच काफी सहयोग है.

सरपंच वार्ड पंच का चुनाव, Sarpanch ward panch election
सरपंच वार्ड पंच का चुनाव

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Published : Sep 28, 2020, 3:44 PM IST

भीलवाड़ा. पंचायती राज चुनाव के पहले चरण में बदनोर पंचायत समिति की 20 ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सोमवार को सरपंच और वार्ड पंच पद के लिए मतदान हो रहा है. दोपहर एक बजे तक सभी जगह 40 प्रतिशत मतदान हो चुका है. मतदाताओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षक संजय शर्मा ने भी एक दर्जन से अधिक मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया.

सरपंच वार्ड पंच का चुनाव

इस दौरान बदनोर पंचायत मुख्यालय पर मतदान केंद्र के निरीक्षण के दौरान पर्यवेक्षक संजय शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि बदनोर पंचायत समिति क्षेत्र में सभी जगह शांतिपूर्ण मतदान चल रहा है. प्रशासन के प्रयासों से जनता के बीच काफी सहयोग है. पूरी तरह निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान करवाना ही हमारा उद्देश्य है. कुछ जगह सोशल डिस्टेंसिंग का मामला आ रहा है, उसको लेकर तमाम चुनाव से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए कि सोशल डिस्टेंसिंग की पूर्णता पालना करवाई जाए. साथ ही सैनिटाइजर और मास्क पहनने के बाद ही मतदान केंद्र के अंदर प्रवेश दिया जाए.

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वहीं, मतदान करने आए पंजाब के राज्यपाल महामहिम वी. पी. सिंह बदनोर के पुत्र अविजीत सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि हमारा मुद्दा विकास और ईमानदारी दो मुद्दे हैं. इन्हीं मुद्दों को लेकर हम मतदान करते हैं. सरपंच लोकतंत्र की पहली दहलीज है. यह चुनाव सबसे छोटा चुनाव होता है, इसलिए व्यक्ति की ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा को देखा जाता है. क्योंकि जितना बड़ा सांसद और विधायक का चुनाव होता है. उसमें इतनी परेशानी नहीं होती है, लेकिन सरपंच के चुनाव में प्रत्याशी के व्यक्तिगत चाल, चलन और चरित्र को देखकर ही मतदाता उनके पक्ष में मतदान करते हैं.

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