भीलवाड़ा.वस्त्रनगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा जिले की बात करें, तो वर्ष 2020 भीलवाड़ा जिले के लिए शुभ नहीं रहा. जहां व्यापार, उद्योग सहित आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं वर्ष 2021 का नया सवेरा अच्छा रहे. इसके लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं. वर्ष 2020 का आज अंतिम दिन है. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार किसी प्रकार होटलों में पार्टीयो का आयोजन नहीं होगा. वर्ष 2020 की बात करें, तो वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा के उद्योग, व्यापार, आमजन और राजनेताओं के लिए कोई खास नहीं रहा.
वर्ष 2020 के मार्च माह में ही कोरोना की भीलवाड़ा जिले से शुरुआत हुई थी. 20 मार्च से कोरोना की शुरुआत होने के बाद देश में एक समय भीलवाड़ा जिला हॉटस्पॉट जिला बन गया था. वर्ष 2020 में भीलवाड़ा शहर में 56 दिन तक कर्फ्यू रहा. जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग की मेहनत के कारण उस समय कोरोना की चेन पर ब्रेक लगा और भीलवाड़ा मॉडल राज्य सहित पूरे देश में प्रसिद्ध हुआ. केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने भी भीलवाड़ा मॉडल को लेकर तत्कालीन जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट की तारीफ की थी. वहीं वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा के उद्योग जगत की बात करेंर, तो यहां लगभग 400 कपड़े की इकाइयां है. औद्योगिक इकाइयों पर मंदी के कारण काफी समस्या का सामना करना पड़ा. वहीं किसान अपनी उपज को कोरोना की वजह से लगे लोकडाउन की वजह से उपज को दूसरी जगह नहीं बेच पाए, जिससे किसानों को भी घांटे का सामना करना पड़ा.
राजनेताओं पर भी काफी प्रभाव पड़ा. भीलवाड़ा जिले के सहाडा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक कैलाश त्रिवेदी कोरोना संक्रमण होने के कारण उनका निधन हो गया. वहीं जिले के शाहपुरा से कांग्रेस के विधायक प्रत्याशी महावीर मोची का भी कोरोना से निधन हुआ. वर्ष 2020 भीलवाड़ा के लिए संकटग्रस्त रहा इसको लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ राजनेता व पूर्व जिला अध्यक्ष कैलाश व्यास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि वर्ष 2020 नगरी के नाम से प्रसिद्ध भीलवाड़ा के बात करें, तो बिल्कुल चिंतनीय रहा. भीलवाड़ा जिला देश में औद्योगिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध है.