भीलवाड़ा.प्रदेशभर में कोविड-19 की शुरुआत सबसे पहले कपड़ा नगरी भीलवाड़ा में हुई. एक समय भीलवाड़ा कोरोना हॉटस्पॉट बन गया था. वहीं, भीलवाड़ा ने कोरोना का मात दिया और भीलवाड़ा मॉडल भी बना. अब राज्य सरकार द्वारा विभिन्न कैंपेन जैसे 'नो मास्क-नो एंट्री' और 'कोरोना के विरुद्ध जागरूक रैली' चलाए जा रहे हैं. इसके चलते भीलवाड़ा में इन दिनों को कोविड-19 से राहत मिली है.
भीलवाड़ा में नियंत्रित हुई कोरोना महामारी भीलवाड़ा में जहां पहले 100 से अधिक कोरोना पॉजिटव मरीज रोजाना सामने आते थे. वहीं, अब 8-9 मरीज अब सामने आ रहे हैं. साथ ही बता दें कि भीलवाड़ा में जहां कोरोना का आंकड़ा अब तक 8 हजार के पार जा चुका है, वहींं करीब 7 हजार कोरोना मरीज रिकवर हो चुके हैं. वहीं, आने वाले त्योहारों के मद्देनजर चिकित्सकों ने भी चेताया है. उनका कहना है कि लापरवाही बरती गई तो एक बार फिर कोरोना महामारी बढ़ जाएगी.
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सीएमएचओ ऑफिस में आरआरटी प्रभारी घनश्याम चावला ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों ( जैसे- 'नो मास्क-नो एंट्री' और कोरोना जागरूकता रैली) और बिना मास्क होने पर काटे जा रहे चालान के चलते भीलवाड़ा में कोरोना के मामलों में कमी आने लगी है.
उन्होंने कहा कि कोरोना का आंकड़ा भी दिनों-दिन कम होता जा रहा है. इसकी एक वजह ये भी है कि इन दिनों लोगों में कोरोना के प्रति जागरूकता आई है. यही जागरूकता लोगों में आने वाले समय में भी रही तो कोरोना वैक्सीन आने से पहले ही भीलवाड़ा कोरोना मुक्त हो जाएगा.
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आरआरटी प्रभारी घनश्याम चावला ने कहा कि पहले कोरोना के 100 से अधिक मामले सामने आते थे. वहीं, अब करीब 8-9 मरीज सामने आ रहे हैं. साथ ही एक सवाल के जवाब में चावला ने ये भी कहा कि आने वाले त्योहारों के चलते अगर आमजन ने कोरोना को हल्के में लेते हुए लापरवाही बरती तो कोविड 19 का पलटवार जरूर होगा और इससे भी भयानक होगा.