भीलवाड़ा.इस बार हुई रिमझिम बारिश से सब्जियों की फसल नष्ट होने की कगार पर है. जिसके कारण जिले में हरी सब्जी के भाव दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. वर्तमान समय मे आमजन की थाली से हरी सब्जी गायब होती दिख रही है. जिले में इस बार रिमझिम बारिश का दौर जारी होने के कारण किसानों द्वारा बोई गई हरी सब्जियों की फसल नष्ट हो गई है. इस बार जिले की अश्रेणी सब्जी मंडी में दूसरे प्रदेश से आयात कर हरी सब्जी का विक्रय किया जा रहा है.
आसमान छू रहे सब्जियों के दाम इससे इनके भाव दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. वर्तमान दौर में भीलवाड़ा में इस बार रिमझिम बारिश का दौर ज्यादा रहा. जहां किसानों द्वारा अपने खेतों में बोई गई ग्वार फली, भिंडी, तोरई, टिडसी, पालक और धनिया की फसल बिल्कुल नष्ट हो गई है. जिसके कारण सब्जियों के भाव दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं और आमजन की थाली से हरी सब्जी गायब दिख रही है.
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भीलवाड़ा की प्रसिद्ध सब्जी मंडी मे सब्जी की महंगाई को लेकर ईटीवी भारत ने जब पड़ताल की तो, रिमझिम बारिश से फसल नष्ट होने के कारण सब्जी महंगी होना बताया गया. भीलवाड़ा में प्रसिद्ध सब्जी मंडी के सब्जी विक्रेता कालू भाई ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि इस बार बरसात के कारण सब्जियों की फसल नष्ट हो गई है, जिससे सब्जियां महंगी होती जा रही है. दूसरे प्रदेश से आयात कर सब्जियां का विक्रय किया जाता है. महंगी होने के कारण सब्जी मंडी में भी ग्राहकी बिल्कुल नहीं हैं.
सब्जियों के भाव...
- भिंडी 60 प्रति किलो
- गवारफली 50 किलो
- टिंडसे 40 किलो
- मिर्च 40 किलो
- टमाटर 40 किलो
- अरबी 60 किलो
- धनिया 70 किलो
- चवलाफली 70 किलो
- अदरक 100 किलो
- पालक 40 प्रति किलो
यानी सभी सब्जियों के भाव दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. हमारा मानना है कि जब सर्दी की ऋतु प्रारंभ होगी किसान नई सब्जियों की बुवाई करेंगे तब अच्छी फसल आने पर ही इस बार सब्जियां सस्ती हो सकती है. वहीं मंडी में आए ग्राहक प्रभात वर्मा ने कहा कि सब्जियां महंगी होने के कारण रसोई का बजट बिगड़ गया है. हमेशा हम दो सब्जियां बनाते थे, लेकिन दाम बढ़ने के कारण अब एक ही सब्जी बना रहे हैं. देखना ये होगा कि कब नई फसल की बुवाई होती है और कब भरपूर मात्रा में उत्पादन होता है. जिससे अच्छे उत्पादन से किसान को अच्छा पैसा मिल सके और आमजन को आसानी से और सस्ती दर पर हरी सब्जियां उपलब्ध हो सके.