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प्रवासी मजदूरों का छलका दर्द, अपने ही घर में परायों जैसा व्यवहार, चेक पोस्ट पर भूख से बिलख रहे बच्चे

लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों को अपने जिले आने में नाकाबंदी पर काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जोधपुर से चित्तौड़गढ़ जा रहे प्रवासी मजदूर 4 बजे सुबह से भदाली खेड़ा चेकपोस्ट पर बैठे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से उनके लिए चाय पानी की व्यवस्था नहीं की गई और न ही उन्हें चित्तौड़गढ़ भेजने के लिए बस की व्यवस्था है. ऐसे में उनके बच्चे भूख से तड़प रहे हैं.

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प्रवासी मजदूरों का छलका दर्द

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Published : May 14, 2020, 1:03 PM IST

भीलवाड़ा. प्रदेश सरकार की घोषणा के बाद एक जिले से दूसरे जिले में प्रवासी मजदूरों का आना-जाना शुरू हो गया है. जोधपुर से चित्तौड़गढ़ जा रहे मजदूरों को रोडवेज बस भीलवाड़ा शहर के एंट्री प्वॉइंट भदाली खेड़ा चेकपोस्ट पर छोड़ कर चली गई. छोड़ने के बाद सुबह 4 बजे से 11 बजे तक दूसरी बस की व्यवस्था नहीं होने से इन मजदूरों के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी बिलखते हुए दिखे.

प्रवासी मजदूरों का छलका दर्द

प्रवासी मजदूर सीता देवी ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि हमें जोधपुर से चित्तौड़गढ़ जाना था. रोडवेज की बस हमें यहीं उतार कर चली गई. भीलवाड़ा से अभी तक प्रशासन ने हमें छोड़ने की व्यवस्था नहीं की. यहां न पानी की व्यवस्था है और न ही भोजन की व्यवस्था है. हमारे छोटे-छोटे बच्चे भी भूख से बिलख रहे हैं. वहीं अन्य मजदूरों ने बताया कि 4 बजे से अब तक हम बिना चाय-पानी के भीलवाड़ा चेक पोस्ट पर बैठे हैं.

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वहीं चेक पोस्ट पर जिम्मा संभाल रहे नायब तहसीलदार शंकरलाल शर्मा ने कहा कि भीलवाड़ा शहर में प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है. जोधपुर से जो रोडवेज की बस चित्तौड़गढ़ जानी थी. यहां उतार कर चली गई है . इन मजदूरों को चित्तौड़गढ़ भेजने के लिए दूसरी गाड़ी मंगाई गई है.

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वहीं प्रवासी मजदूरों के लिए चाय की व्यवस्था के सवाल पर नायब तहसीलदार सिर्फ यही कहते रहे कि व्यवस्था कर रहे हैं, बार-बार सवाल टालते रहे. बार-बार झूठ बोलने पर नायब तहसीलदार के सामने ही मजदूरों ने कहा कि हम 4 बजे आ गए हैं. लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हुई है. हमारे बच्चे भी भूख से तड़प रहे हैं. इस पर नायब तहसीलदार ड्यूटी समय का हवाला देकर पल्ला झाड़ते हुए दिखे और अंत में अपनी गलती भी महसूस की.

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