भीलवाड़ा.लॉकडाउन के दौरान फैक्ट्रियों में बिजली बिलों में कुछ राहत देने को लेकर लघु उद्योग भारती के बैनर तले व्यापारिक संगठन ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने मांग की है कि लॉकडाउन के दौरान उनकी औद्योगिक इकाइयां बंद थीं, इसलिए बिजली के बिलों में कुछ राहत दी जाए. साथ ही उनसे सोलर ऊर्जा खरीदी गई थी, उसकी छूट को काटकर विद्युत बिल में भेजा जाए.
वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा जिले की तमाम औद्योगिक इकाइयां लॉकडाउन के दौरान बंद थीं. बंद के दौरान बिजली विभाग द्वारा इन औद्योगिक इकाइयों को अधिक बिजली का बिल भेजा गया है. जिसको लेकर लघु उद्योग भारती संगठन के बैनर तले औद्योगिक इकाइयों के मालिकों ने जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर विद्युत बिल में स्थाई शुल्क कम करने सहित सौर ऊर्जा उत्पादन जो लॉकडाउन के दौरान उनसे लिया गया है, आने वाले बिल में उस उत्पादन को काटकर बिजली बिल भेजने की मांग की है.
लघु उद्योग भारती संगठन के सचिव अनूप बागडोदिया ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को कम करने के लिए लॉकडाउन लगा हुआ था, जहां भीलवाड़ा जिले की तमाम औद्योगिक इकाइयां बंद थीं, लेकिन बंद होने के बावजूद राज्य सरकार ने बिजली का बिल भेज दिया है. जिसमें स्थाई शुल्क भी 185 पर किलो वाट की जगह ज्यादा कर दिया है, जो बिल्कुल गलत है.