भीलवाड़ा. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में लगातार टीकाकरण और गाइडलाइन की अनदेखी होती नजर आ रही है. ऐसे में COVID-19 की गाइड लाइन की पालना करने और वैक्सिनेशन के लिए जागरूकता को लेकर लाडो सेवा फाउंडेशन की ओर से संचालित लाडो स्पोर्ट्स एकेडमी की टोली शहर में विभिन्न जगहों और कच्ची बस्तियों में नुक्कड़ नाटक किए गए. फाउंडेशन के सदस्यों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से हर एक व्यक्ति को वैक्सीन लगवाने और लॉकडाउन में दी गई छूट में गाइड लाइन की पालना के लिए प्रेरित किया.
लाडो सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने कहा कि फाउंडेशन की ओर से संचालित लाडो स्पोर्ट्स एकेडमी की टोली लगातार प्रशासन के साथ मिलकर कोविड 19 संक्रमण की दूसरी लहर के दौर में लोगों को प्रेरित कर रही है. इसमें कोविड वैक्सीन और कोरोना गाइड लाइन की पालना को लेकर लोगों को प्रेरित किया जा रहा है. आज हमने शहर के बापूनगर, जवाहर नगर और छोटी पुलिया सुभाष नगर में नुक्कड़ नाटक कर लोगों को कोरोना के बारे में जागरूक करने का प्रयास किया.
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मुख्य रूप से हमारा उद्देश्य यही है कि इन दिनों जो कोरोना वैक्सीनेशन और गाइडलाइन की पालना में लापरवाही नजर आ रही है. इसमें हमारा प्रयास यही है कि लोग ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन लगवाएं और गाइडलाइन की पालना करें ताकि जल्दी कोविड-19 से मुक्ति मिल सके.
कोरोना महामारी में अनाथ हुए नेपाली बच्चों का सहारा बने बस्ती वाले
झुंझुनू शहर के आदर्श नगर रीको में रह रहे एक नेपाली परिवार के मुखिया और महिला की कोरोना से मौत के बाद अनाथ हुए तीनों बच्चों की सुध लेते हुए आज डॉ. सलाऊदीन चोपदार फाउंडेशन के पदाधिकारी मदद के लिए पहुंचे. फाउंडेशन सदस्य मनवर दीवान चोपदार ने इन बच्चों को सांत्वना देते हुए ढांढस बंधाने के साथ ही तत्काल तीनों बच्चों को 3100 रुपये की आर्थिक सहायता एवं 10 दिनों की राशन सामग्री उपलब्ध करवाई. जानकारी के अनुसार फाउंडेशन डायरेक्टर एमडी चोपदार को सूचना मिली कि रीको में एक ऐसा परिवार हैं जिसमें पुरुष और महिला दोनों की कोरोना से मौत हो गई. इनके तीन छोटे-छोटे बच्चें हैं जिनका कोई सहारा नहीं हैं. आदर्श नगर के पड़ोसी ही उनका भरन पोषण कर रहे हैं.
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बस्ती के लोगों ने 90 हजार रुपये एकत्रित कर दी राहत
जानकारी के अनुसार गत मई के पहले सप्ताह में पड़ोसी देश नेपाल के रहने वाले मधु उर्फ मनोज विश्वकर्मा एवं उसकी पत्नी सावित्री कोविड संक्रमित हो गई थी. जिन्होंने जयपुर के आरयूएचएस में गत 29 मई को दोनों ने एक साथ आखरी सांस ली. इनके तीन बच्चों के लिए आसपास के लोगों ने मदद के लिए करीब 90 हजार रुपये एकत्र किए.
बच्चों को नेपाल पहुंचाने की हुई व्यवस्था
बस्ती के लोगों की ओर से संबंधित परिवार व अनाथ बच्चों की जानकारी जिला प्रशासन को दी गई. जिसके बाद हरकत में आया प्रशासन ने 1098 सेवा के सहयोग इन बच्चों को नेपाल भेजने की व्यवस्था की जा रही है.