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Farmers against HZL : एनजीटी के आदेश के बाद हिंदुस्तान जिंक के खिलाफ मुखर होने लगे स्थानीय किसान, सौंपा ज्ञापन

हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड पर पर्यावरण नियमों की अवहेलना करने पर एनजीटी को 25 करोड़ की क्षतिपूर्ति देने के आदेश के बाद स्थानीय किसान भी अपनी मांगों को लेकर सक्रिय (Local farmers protest against Hindustan Zinc) हो गए हैं. किसानों ने बुधवार को गुलाबपुरा उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री, वन मंत्री व भीलवाड़ा कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा.

Farmers against HZL
हिंदुस्तान जिंक के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन

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Published : Feb 16, 2022, 6:28 PM IST

भीलवाड़ा. जिले के गुलाबपुरा उपखंड क्षेत्र में स्थित हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड पर एनजीटी द्वारा क्षतिपूर्ति देने के आदेश के बाद क्षेत्र के किसान भी मुखर होने लगे हैं. बुधवार को किसान यूनियन के बैनर तले क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने हिंदुस्तान जिंक के खिलाफ नारे लगाते हुए गुलाबपुरा उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री, वन मंत्री व भीलवाड़ा कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा.

हाल ही में हिंदुस्तान जिंक की ओर से खनन के दौरान पर्यावरण नियमों की पालना नहीं करने के कारण एनजीटी ने 25 करोड़ की क्षतिपूर्ति राशि भीलवाड़ा जिला कलेक्टर को जमा करवाने के आदेश दिए. एनजीटी के आदेश के बाद अब क्षेत्र के किसान संगठन भी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के खिलाफ मुखर होकर बोलने लगे हैं. आज भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले क्षेत्र के सैकड़ों किसान गुलाबपुरा उपखंड कार्यालय पहुंचे और हिंदुस्तान जिंक के खिलाफ नारे लगाते हुए क्षेत्र के उपखंड अधिकारी विकास मोहन भाटी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, वन मंत्री हेमाराम चौधरी व जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा.

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ज्ञापन देने आए भारतीय किसान यूनियन के भीलवाड़ा जिला अध्यक्ष हरिकिशन चौधरी ने कहा कि गुलाबपुरा उपखंड क्षेत्र में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड स्थित है, जहां खनन के दौरान किसानों और बेरोजगारों की समस्या पर ध्यान दिलवाने को लेकर मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री, वन मंत्री व जिला कलेक्टर के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है.

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किसान यूनियन ने बताई ये समस्या

  • माईन्स के द्वारा अनियंत्रित खनिज का दोहन हो रहा है, जिससे क्षेत्र के कुओं का जलस्तर शून्य हो चुका है. इससे खेती खत्म होने की कगार पर है.
  • केमिकल युक्त पानी बाहर छोड़ने से आसपास के गांव में हेंडपंप एवं पीने के पानी के जल स्त्रोत्र का जल पीने लायक नहीं रहा है. इस पानी से लोगों में कैंसर, हार्ट अटैक, दमा, अस्थमा व सिलिकोसिस जैसी बीमारियां हो रही है.
  • माइंस के द्वारा अनियंत्रित ब्लास्टिंग से आसपास के गांव के मकानों में दरारें आ चुकी हैं, जिससे कभी भी जनधन की हानि हो सकती है.
  • माईन्स के द्वारा अंडरग्राउंड अनियंत्रित खनन करने से किसानों के खेतों की जमीन नीचे धंस चुकी है एवं खेतों में बड़े-बड़े गड्ढे हो रहे हैं. इससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
  • माईन्स के खनन के समय परिवहन के वाहनों से उड़ने वाली केमिकल युक्त धूल-मिट्टी से किसानों की फसल खराब होती है एवं मृदा संरचना बिगड़ने से फसल उत्पादन बहुत कम मात्रा में हो रहा है.
  • क्षेत्र के किसानों की जमीन खराब होने के कारण किसानों के बच्चे बेरोजगार हो गए हैं. हिंदुस्तान जिंक रामपुरा आगुचा में बाहरी राज्यों के व्यक्तियों को हटाकर स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाने की मांग रखी.
  • माईन्स द्वारा दी जाने वाली डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन की राशि का स्थानीय पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों में ही खर्च करने की मांग.

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