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Special : प्यार पर भारी कोरोना का 'बंधन', फर्ज के आगे रिश्तों को भूलकर बहनें कर रही भाइयों की रक्षा - रक्षाबंधन का त्योहार

3 अगस्त को पूरा देश रक्षाबंधन मना रहा है. यह त्योहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है, लेकिन इस साल कोरोना की वजह से कई बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने नहीं जा पाई हैं, क्योंकि कोरोना काल में फर्ज रिश्तों पर भारी पड़ रहा है. भीलवाड़ा के राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना लैब टेक्नीशियन का काम करने वाली कई ऐसी बहनें हैं, जिन्होंने राखी में भी छुट्टी नहीं ली हैं और कोरोना टेस्टिंग में जुटी हुई हैं, ताकि अपने भाइयों के साथ ही देश के सभी भाइयों को कोरोना से बचा सके.

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प्यार पर कोरोना का बंधन

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Published : Aug 3, 2020, 2:40 PM IST

भीलवाड़ा.भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक माने जाने वाला रक्षाबंधन. इस दिन बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. रक्षाबंधन का त्योहार बहन और भाई दोनों के लिए बेहद ही खास होता है. जिसका सभी बहनों का पूरे साल इंतजार रहता है. राखी का दिन एक ऐसा दिन होता है, जब बहन को बेसब्री से अपने भाई से मिलने का इंतजार होता है.

यूं तो हर एक बहन का सपना होता है कि अपने भाई को रक्षाबंधन के दिन राखी बांधे, लेकिन कोरोना काल में कई बहनें अपने फर्ज के चलते इस साल अपने भाइयों को राखी नहीं बांध पा रही है. खासकर वो बहनें जो इस समय कोरोना वार्ड में ड्यूटी दे रही हैं.

प्यार पर कोरोना का बंधन

राखी पर भी नहीं ली छुट्टी...

भीलवाड़ा के राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना लैब टेक्नीशियन का काम करने वाली कई ऐसी बहनें हैं, जो इस साल राखी के पर्व के दिन भी छुट्टी नहीं लेकर कोरोना टेस्टिंग में जुटी हुई हैं, ताकि अपने भाइयों के साथ ही देश के सभी भाइयों को कोरोना से बचा सकें. यहां काम करने वाली अधिकर टेक्नीशियन महिलाएं दूसरे जिले या राज्य की रहने वाली हैं. कोई हिमाचल, कोई दिल्ली तो कई महिलाएं केरल की रहने वाली हैं. हर साल राखी के त्योहार पर सभी अपने घर जाते हैं और भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हैं. लेकिन इस बार इन्हें फर्ज ने रोक लिया, क्योंकि इनके लिए देश सेवा सबसे ऊपर है.

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इन बहनों का कहना है कि जिस तरह से भीलवाड़ा जिले में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है, अगर हम ज्यादा से ज्यादा सैंपल नहीं लेंगे तो परिस्थिति और भी गंभीर हो सकती है. कोरोना सैंपल लेकर हम यहां कुछ भाइयों की रक्षा कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर हमारे भाई की भी कोई ना कोई बहन रक्षा कर ही रही होगी.

हमेशा बना रहता है संक्रमण का खतरा...

वे कहती हैं कि हम जहां करते हैं, वहां हमेशा ही संक्रमण का डर बना हुआ है. ऐसे में अगर छुट्टी लेकर घर जाते भी हैं तो हमारे परिवार वालों को भी खतरा हो सकता है. एक के साथ ही 4 लोगों की जिंदगी भी खतरे में पड़ सकती है.

लैब टेक्नीशियन महिलाएं

कोरोना लैब में कार्यरत सुरभि पारीक का कहना है कि आज रक्षाबंधन का त्योहार है. यह त्यौहार रक्षा का त्योहार माना जाता है. इस दिन भाई जो अपनी बहन को उनकी रक्षा करने का वचन देता है, लेकिन पहली बार भारत के इतिहास में पहला ऐसा रक्षाबंधन है, जहां बहनें भाइयों की रक्षा कर रही हैं.

फर्ज निभाकर ही मांग रही हैं भाइयों की लंबी उम्र...

कोरोना वायरस महामारी के संकट की घड़ी में हम सब मिलकर हमारे सब भाइयों के लिए अपनी सेवा जारी रख रहे हैं, क्योंकि हम पूरे देश के भाइयों को अपना भाई मानते हैं और हम कोरोना से बचाव के लिए उनकी लंबी उम्र की कामना करते हैं. महाराष्ट्र की रहने वाली ममता शर्मा कहती हैं 'आज के दिन मैं अपने भाई को बहुत याद कर रही हूं, लेकिन फर्ज के आगे कुछ भी नहीं है. हर जगह कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लोगों का टेस्ट करना बहुत जरूरी है. महाराष्ट्र में मेरी तरह कोई दूसरी बहन मेरे भाई की रक्षा में जुटी होगी. ऐसे में मेरा भी फर्ज बनता है कि यहां रहकर इस जिले के सभी भाइयों की रक्षा करूं.

देशभर में धूमधाम से मनाई जा रही राखी

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मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी प्रोफेसर और कोरोना इंचार्ज वर्षा सिंह का कहना है कि राखी को लेकर जब मैंने लड़कियों को छुट्टी लेने की बात कही तो तब उन्होंने कहा था कि नहीं हम लोग काम करेंगे, क्योंकि जो संक्रमण के लोग और लड़के हैं. वह भी तो किसी ना किसी के भाई हैं, इसलिए हम काम करेंगे और भीलवाड़ा के भाइयों की कोरोना से रक्षा करेंगे.

उन्होंने बताया कि कोरोना लैब में 21 लोगों का स्टाफ है. जिनमें से 12 लड़कियां है और 9 लड़के हैं. इनमें से कुछ राजस्थान प्रदेश से आई है तो कुछ हिमाचल, दिल्ली, कोलकाता और केरल की रहने वाली हैं. सभी स्टाफ मिलकर 1 दिन में कम से कम 2 हजार से अधिक कोविड टेस्ट कर लेती हैं. यही नहीं, यहां की लड़कियां दिन ही नहीं रात में भी अपना कर्तव्य निभाने से नहीं चूक रही हैं.

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