राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

न ठंडा पानी, न टेंट की व्यवस्था...प्रचंड गर्मी में 'मनरेगा' श्रमिकों ने कुछ यूं किया दर्द बयां

जेठ माह की तपती धरा और आसमान से बरसती आग में मनरेगा श्रमिक अपना पसीना बहा रहे हैं. जब ईटीवी भारत यहां पहुंच कर देखा तो सरकारी दावे फेल होते दिखाई दिए. बात करने पर मजबूर मजदूरों का समय परिवर्तन को लेकर दर्द छलक पड़ा. देखिए ये रिपोर्ट...

By

Published : Jun 10, 2020, 4:11 PM IST

MNREGA labours in bhilwara, MNREGA labours, government claims in MNREGA, bhilwara news, MNREGA news, मनरेगा श्रमिक, भीलवाड़ा में मनरेगा श्रमिक, गर्मी में मनरेगा श्रमिक, भीलवाड़ा न्यूज
गर्मी में परेशान मनरेगा श्रमिक

भीलवाड़ा.वर्तमान में देश में सबसे ज्यादा 'मनरेगा' श्रमिक राजस्थान में काम कर रहे हैं. वहीं, राजस्थान में सबसे ज्यादा श्रमिक भीलवाड़ा में रजिस्टर्ड हैं. इस भीषण गर्मी में मनरेगा कार्य स्थल पर श्रमिकों के लिए क्या इंतजामात हैं, इसकी पड़ताल करने ईटीवी भारत काम करते मजदूरों के बीच पहुंचा.

गर्मी में परेशान मनरेगा श्रमिक

जेठ माह की तपती धरा और आसमान से बरसती आग में मनरेगा श्रमिक अपना पसीना बहा रहे हैं. लेकिन यहां पहुंच कर देखा तो सरकार के दावे भी फेल होते दिखाई दिए. बात करने पर मजबूर मजदूरों का ईटीवी भारत पर समय परिवर्तन को लेकर दर्द छलक पड़ा. भीलवाड़ा जिले के लांबिया कला ग्राम पंचायत क्षेत्र में मनरेगा कार्य स्थल का ईटीवी भारत की टीम ने जायजा लिया. मनरेगा कार्य स्थल पर प्रशासन ने श्रमिकों के पीने के लिए ठंडा पानी और ने छाया के लिए टेन्ट की व्यवस्था भी नहीं की है. वहीं, प्रशासन की बात करें तो अधिकारी सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना का जवाब देते हुए टेंट नहीं लगाने की बात कर रहे हैं.

पढ़ें-प्रतापगढ़: क्वॉरेंटाइन पीरियड पूरा, 19 मजदूरों को किया गया घरों के लिए रवाना

कार्य स्थल पर मौजूद बुजुर्ग लादू लाल ने कहा कि राजनेता तो पंखा चला कर बैठे हैं, लेकिन हम जेठ महीने की इस धूप में यहां काम कर रहे हैं. राजनेता सिर्फ चुनाव के समय ही मैदान में आते हैं. सांवरमल जाट ने कहा कि लांबिया कला मे यहां पशु नाडी का काम चल रहा है. जहां वर्तमान में 85 लेबर काम कर रही है. सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने के लिए टेंट नहीं लगाया गया है, इसलिए सरकार को गर्मी के समय काम में कुछ राहत देनी चाहिए.

बिना टेंट गर्मी में ही सुसताते श्रमिक

वहीं, कार्यस्थल पर कई मजदूरों के साथ उनके बच्चे भी मौजूद थे. टेंट नहीं होने से इस भीषण गर्मी में बच्चे खुले आसमां के नीचे इधर-उधर घूमते नजर आए. अपनी मां के साथ आई बच्ची सपना ने कहा कि वह घर अकेली नहीं रह सकती इसलिए मनरेगा कार्य स्थल पर आई है.

पढ़ें-कोटा: घर के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन तार की चपेट में आया मजदूर

वहीं, मनरेगा श्रमिक लादी देवी ने कहा कि उनके पास कोई और रोजगार के अन्य साधन नहीं होने से मनरेगा में आते हैं. यहां भी मिट्टी का टास्क ज्यादा देते हैं. छोटे-छोटे बच्चे को भी साथ लेकर आते हैं. न यहां टेंट की व्यवस्था है, न ठंडे पानी की. पानी की बोतल भी घर से लाते हैं जो बच्चों के ही पीने के काम आ जाता है.

रसाल देवी ने कहा कि कोरोना की वजह से बेटा-बहू भी दूर रह गए. ऐसे समय में पेट तो भरना ही पड़ेगा, इसलिए हम कार्य स्थल पर आकर काम करते हैं. वहीं, भीलवाड़ा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल राम बिरडा ने कहा कि भीलवाड़ा जिले में राजस्थान में सबसे ज्यादा मनरेगा श्रमिक काम कर रहे हैं. बच्चों व श्रमिकों के छाया-पानी की व्यवस्था के सवाल पर सभी व्यवस्था है कहते हुए सवाल को टालते रहे.

पढ़ें-गहलोत ने मंदिर तो नहीं खोले लेकिन मदिरालय खोलने में दिखाई तत्परताः कालू लाल गुर्जर

श्रमिकों के नाम पर सरकार बड़े- बड़े दावे तो करती है, लेकिन ये दावे सिर्फ दिखावे का नाम लेकर सीमित हो जाते हैं. श्रमिकों के इतनी बार समय परिवर्तन की बात कहने के बाद भी अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है. राज्य सरकार श्रमिकों की गर्मी की पीड़ा समझते हुए कुछ एक्शन लेगी, बस यही आस लगाए श्रमिक इंतजार कर रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details