भीलवाड़ा. लगन और नई तकनीक का उपयोग करते हुए खेती की जाए तो यह घाटे का सौदा नहीं है. इसे सच साबित कर दिखाया है भीलवाड़ा के किसान अर्जुन लाल शर्मा ने. उन्होंने प्रदेश में सबसे पहले अनार का उत्पादन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाते हुए केंद्र सरकार से प्रकृति शील किसान का अवार्ड लिया. उसके बाद अब सहजन (मोरंगो) की फसल का उत्पादन करते हुए हर वर्ष लाखों रुपए कमा रहे हैं. अर्जुन लाल वर्तमान में 15 बीघा में फसल पैदा कर रहे हैं. अर्जुन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए खेती को लेकर किए गए प्रयोगों के बारे में बताया.
जिले के आसींद पंचायत समिति के कालियास ग्राम पंचायत क्षेत्र में रहने वाले अर्जुन लाल शर्मा ने प्रदेश में सबसे पहले अनार का उत्पादन किया था. उन्होंने ग्राफ्टेड हाइब्रिड अनार के पौधे तैयार कर पूरे प्रदेश में जगह-जगह बागवानी के रूप में अनार के बागान तैयार किए थे. जिसके कारण उनको दो बार जिला स्तर, एक बार प्रदेश स्तर व एक बार राष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया था. वर्तमान में किसान आवारा और जंगली जानवरों से परेशान होकर मोरंगो यानी (सहजन) की खेती की शुरुआत की है. वे 15 बीघा में सहजन की खेती कर प्रतिवर्ष लाखों रुपये मेहनताना कमा रहे हैं.
अनार की खेती से शुरू किया सफरः ईटीवी भारत की टीम इस होनहार किसान के पास पहुंची. जहां किसान वर्तमान में पौधों की कटाई कर रहा था. किसान अर्जुन लाल शर्मा ने बातचीत करते हुए कहा कि मैंने सबसे पहले अनार की खेती करते हुए राजस्थान में शुरुआत की थी. उन्होंने बताया कि वे महाराष्ट्र गए थे. वहां अनार उत्पादन के बारे में पुरी जानकारी लेने के बाद वर्ष 2004 में 4.5 खलियान में अनार के पौधे लगाए. उसमें अच्छा उत्पादन हुआ फिर 25 बीघा में अनार के पौधे लगाए थे. अनार में अच्छा उत्पादन होने के कारण प्रदेश से कई राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी व होनहार किसान यहां बागान देखने आते थे.