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सुविधाओं के अभाव में भीलवाड़ा के सुशील कुमावत ने NEET में लहराया परचम, 190वी रैंक हासिल की...बोले-सतत प्रयास से मिली सफलता - news in hindi

प्रतिभा सुविधाओं की मोहताज नहीं होती, बस अपनों का साथ और सतत प्रयास ही उसे उंचाइयों तक ले जाती है. यही वजह है कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से भी प्रतिभाएं उभरकर सामने आ रही हैं. हाल ही में नीट परीक्षा (NEET Exam) का परिणाम घोषित हुआ है जिसमें भीलवाड़ा के शाहपुरा क्षेत्र के पनोतिया गांव के छात्र सुशील कुमावत ने 681 अंक प्राप्त कर पूरे देश में ओबीसी कैटेगरी से 190वी रैंक हासिल की.

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सुशील कुमावत

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Published : Nov 7, 2021, 10:00 AM IST

भीलवाड़ा.पर्याप्त सुविधाओं की कमी के बावजूद कड़ी मेहनत कर अब धीरे-धीरे ग्रामीण क्षेत्र में किसान परिवारों के बच्चे भी शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. हाल ही में नीट परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ है. जिसमें भीलवाड़ा के शाहपुरा क्षेत्र के पनोतिया गांव के सुशील कुमावत (Sushil Kumawat) ने परचम लहराते हुए देशभर में ओबीसी केटेगरी से 190 वी रैंक हासिल की. यहां सुशील कुमावत अपने गांव पहुंचने पर गांव वालों ने मुंह मीठा करवाकर भव्य स्वागत किया. ग्रामीणों का मानना है कि पहली बार हमारे गांव से किसी बालक का नीट चयन हुआ है निश्चित रूप से इससे दूसरे बालको को भी प्रेरणा मिलेगी.

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लक्ष्य हमेशा निर्धारित रहा

नीट परीक्षा में 681 अंक हासिल करने वाले सुशील कुमावत ने ईटीवी भारत (ETV Bharat) से खास बातचीत करते हुए कहा कि मेरी माता गृहणी हैं और हम किसान हैं. मैं मेरी मां के साथ खेत पर काम में हाथ बंटाता था और पशुओं की देखभाल भी करता था. मैंने ग्रामीण क्षेत्र में ही पढ़ाई की लेकिन हमेशा लक्ष्य निर्धारित रखा. उसी की बदौलत आज में नीट परीक्षा में पास हुआ हूं. मैंने ग्रामीण क्षेत्र में दसवीं की पढ़ाई की और भी आगे की पढ़ाई करने शहरी क्षेत्र में गया और उस समय लक्ष्य निर्धारित कर लिया कि मुझे डॉक्टर ही बनना है.

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माता-पिता, भाई और गुरुजन को दिया श्रेय

लक्ष्य तय होने के बाद मैंने ग्यारवी कक्षा में साइंस सब्जेक्ट से पढाई की. फिर 2 वर्ष की कठिन मेहनत की बदौलत मैं नीट परीक्षा मे अव्वल आया हूं. मैं इसका श्रेय अपने माता-पिता, भाई और गुरुजन को देता हूं. साथ ही दूसरे छात्रों से यह कहना चाहता हूं कि लक्ष्य निर्धारण करने के बाद भरसक मेहनत करें जिससे वह अपना और परिवार का नाम रोशन कर सकें.

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