भीलवाड़ा. देश में सबसे पहले कोरोना हॉटस्पॉट बने भीलवाड़ा जिले में वर्तमान में भी कोरोना पोजिटिव मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. जिसको लेकर भीलवाड़ा की राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान डॉ. नंदा ने कहा कि भीलवाड़ा शहर की पढ़ी-लिखी जनता ही कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं कर रही है.
भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा से खास बातचीत डॉ. नंदा ने कहा कि जिले में पिछले 3 दिनों में कोरोना के 100 मरीज बढ़ने के साथ ही यह आंकड़ा 414 पर पहुंच चुका है. वर्तमान में भीलवाड़ा में मंगलवार शाम तक 409 मरीज थे और बुधवार को पांच पॉजिटिव मरीज आने के साथ ही इनकी संख्या 414 हो गई है. वहीं, पहले कोरोना कंट्रोल हो गया था, लेकिन वर्तमान में लोगों की ओर से गाइडलाइन की पालना नहीं करने से यह संख्या बढ़ रही है.
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पिछले 3 दिन में इसकी रोकथाम के लिए नई गाइडलाइन के सवाल पर डॉ. नंदा ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने यह फैसला लिया कि जो पॉजिटिव केस एसिम्टोमैटिक यानी बिना लक्षण वाले होते हैं, ऐसे मरीजों को उनके घर पर ही आइसोलेट किया जाएगा. इस दौरान मरीज को दवाइयां निशुल्क दी जाएगी. साथ ही मरीज को सिर्फ प्लस ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर खरीदना होगा.
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डॉ. नंदा ने बताया कि दिन में तीन बार प्लस अक्सीमीटर और थर्मामीटर से जांच करनी होगी. उस जांच को जो चिकित्सा विभाग के कर्मचारी उनके घर पर निगरानी रखने जाएंगे उनको बताना होगा. अगर पल्स ऑक्सीमीटर ज्यादा होती है तो उनको तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जाएगा. कोरोना की चेन पर ब्रेक लगने के सवाल पर डॉ. नंदा ने कहा कि शहर की पब्लिक पढ़ी-लिखी होने के बाद भी लापरवाही कर रही है.
सरकार के गाइडलाइन की पालना भी नहीं कर रही है. अगर ऐसा ही रहा तो स्तिथि बेहद चिंताजनक हो जाएगी. वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में जनता गाइडलाइन की पूरी तरह पालना कर रही है. डॉ. राजन नंदा ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग जरूर करें तभी कोरोना से खुद को और जिले को सुरक्षित रख सकते हैं.