भीलवाड़ा. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को काबू करने के लिए राजस्थान सरकार ने कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए जमीन-आसमान एक कर रखा है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में ही गाइडलाइन के पालना नहीं हो रही है. भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय परिसर स्थित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला. सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) की भर्ती के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी कार्यालय पहुंच गए.
CHO भर्ती के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए सैकड़ों की संख्या में पहुंचे अभ्यर्थी, उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
भीलवाड़ा में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में गुरुवार को CHO भर्ती के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए सैकड़ों की संख्या अभ्यर्थी पहुंचे. सभी अभ्यर्थियों को सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए साथ बैठा दिया गया. कई अभ्यर्थियों के साथ छोटे बच्चे भी थे. मीडिया को भनक लगने के बाद आनन-फानन में सभी को दूर-दूर बैठाया गया.
सभी अभ्यर्थियों को एक साथ बैठा दिया गया. यही नहीं इस दौरान कई अभ्यर्थी तो अपने बच्चों को भी साथ लाये थे. जब मीडिया मौके पर पहुंचा तो आनन-फानन में विभाग के अधिकारी जागे और अभ्यर्थियों को दूर-दूर बैठाया. जहां प्रशासन आम लोगों द्वारा नियमों की पालना नहीं करने पर सख्ती से उनके चालान काट रही है, उन्हें क्वॉरेंटाइन कर रही है. लेकिन जब खुद जिम्मेदार ही नियमों को तोड़ें तो उनके खिलाफ कौन कार्रवाई करेगा.
जहाजपुर से आए अभ्यर्थी सत्यनारायण माली ने बताया कि 2 दिन पहले सीएचओ की अंतिम सूची जारी हुई थी. जिसके लिए गुरुवार को डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया था. दूसरे अभ्यर्थी दौलत ने बताया कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के अंतिम 3 दिन बचे हैं. जिसमें हमें यह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवाने हैं. इसके पहले हम अजमेर संभाग कार्यालय में भी गए थे. उसके बाद हमें यहां भीलवाड़ा के सीएमएचओ ऑफिस में भेजा
गया है. जहां से हमें जॉइनिंग प्राप्त होगी.
बता दें कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय शहर के महात्मा गांधी चिकित्सालय परिसर में स्थित है. वही इसके कुछ कदम दूर कोरोना वार्ड बनाया बनाया गया है. इस वार्ड के थोड़ा पास कोरोना टीकाकरण सेंटर बना हुआ है. इसके बाद भी इतनी बड़ी लापरवाही संक्रमण को फैला सकती है. यहां तक की अभ्यर्थियों के साथ आए छोटे बच्चे भी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं.