भीलवाड़ा.औद्योगिक नगरी भीलवाड़ा शहर में पर्यावरण संरक्षण को मद्देनजर रखते हुए भीलवाड़ा शहर वासियों ने अपना संस्थान के बैनर तले एक अनोखा देसी जुगाड़ रसोई की बगिया का निर्माण किया है. इस बगिया में करीब 10 वर्ष तक का रसोई घर से निकलने वाला खाद्य पदार्थ का कचरा इस्तेमाल किया जा सकता है, तो वहीं इस बगिया में 13 तरह के अलग पौधे भी लगाए जा सकते हैं. अपना संस्थान की ओर से भीलवाड़ा शहर में अब तक 27 रसोई की बगिया लगाई जा चुकी है और आगे भी लगाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
अपना संस्थान के संजय लड्ढा ने कहा कि भीलवाड़ा एक औद्योगिक नगरी होने के चलते यहां पर प्रदूषण जल्दी फैलता है. पर्यावरण संतुलन बनाए रखने ओर घर में हरियाली बनाए रखने के लिए हम भीलवाड़ा शहर में रसोई की बगिया हर घर में बना रहे हैं. यह बगिया एक पुराने ड्रम में बनाई जाती है, जिसमें रसोई से खाद्य पदार्थ का कचरा 10 वर्ष तक बाहर फेंकने की आवश्यकता नहीं होती है. वहीं इस ड्रम में खाद के रूप में नारियल के छिलके, गन्ने के छिलके, पेड़ों के सूखे पत्ते, मिट्टी, डी कंपोजर, चाय की पत्ती और रसोई से निकलने वाला जितना भी खाद्य पदार्थ, इसमें इस्तेमाल किया जा सकता है.